Monday, 31 July 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 3


अमित भी राहुल कि इस हालत को देख् कर अपने ऊपर कंट्रोल नही कर पा रहा था. उसका लँड भी एक लोहे कि रोड की तरह हार्ड था. राहुल का सर नीचे था और वो रो रहा था. अमित ने इतने मैं अपने लँड को एडजस्ट किया. फिर वो राहुल से बोला. " सर ऊपर और मेरी आंखों में देख्" राहुल ने जैसे तैसे सर ऊपर किया और अमित कि आंखों मेंदेखने कि कोशिश करने लगा, पर आँखों में पानि होने कि वजह से कुछ देख् नही पा रहा था. " दोनों हाथ पीछे फौरन" अमित ने आदेश दिया. राहुल ने झिझकते हुए अपने दोनों हाथों को पीछे करते हुए अपनी नंगी चुतड दोनों हाथों को पकड़ लिया. उसका लँड हाथ पीछे करते ही एक स्प्रिंग कि तरह आगे कि तरफ़ उछला और 45 डिग्री परखड़ा ह गया थोड़ी देर हिलने के बाद. अमित का लँड भी एक झटका खा गया यह देख् के, पर पैंट के अन्दर होने कि वजह से अमित इसे छिपा गाया.
अमित धिरे धीरे राहुल कि और बड़ा. और उसके सामने जाकर खडा हो गया. उसने राहुल के गाल पर एक थप्पड़ रसीद किया. "ये एडवांस पेमेंट है देर करने के लिए" "आह्हा...." राहुल के मुँह से आवाज़ निकली. फिर अमित घुमते हुए राहुल के पीछे कि और गया. एक निगाह डाली राहुल के गथे हुए शरीर पर. दुबारा सामने आकर थोड़ा पीछे हटा. "दोनों हाथ सर के पीछे लेकर जां" राहुल समझा नही. और अमित के मुँह को देखने लगा. अमित ने अपने दोनों हाथ सर के पीछे लगा कर राहुल को बताया. तो राहुल कि समझ में आ गया. उसने फटाफट अपने दोनों हाथ सर के पीछे लगा लिए. उसे अब और शर्म आने लगी थी क्योंकि उसका पूरा शरीर अब दिखने लगा था. उसके लँड ने एक और झटका खाया. अबराहुल पुरी तरह नँगा अपने दोनोंहाथों को सर केपीछेलगाकर खडा था. राहुल के लँड से pre cum बह रहा था. इससे पता चल रहा थाटा कि राहुल पुरी तरह से उत्तेजीत था.
"तेरा लँड खडा क्यों है?" अमित ने एक दम एक सवाल दाग दिया जिसके लिए राहुल तैयार नही था. " जी ......................" राहुल ने अपने थूक को सटक्ते हुए कहा. "समझ नही आता क्या गाँडु. तेरा लँड क्यों खड़ा है" "जी...............हूँ.................जी.. ................." राहुल सिर्फ़ बद्बदता ही राह गाया. "मैंने कुछ पूछा. जवाब दे." अमित उन्ची आवाज़ में बोला. "जी मुझे नही पता". राहुल ने धीरे से डरते हुए बोला. "हुम्म्म तो तुझे नही पता कि तेरा लँड क्यों खडा है" राहुल ने इस बार कुछ जवाब नही दिया. "चल तुझे जल्दी ही पता चल जयेगा"
अमित वापस मुडा. और पास में पडे 3 सीट सोफे के बीच में बैठ गया. "इधर आ और मेरी टाँगों परपेट के ब्ल लेट " राहुल अमित के पास आकर खडा हो गया, उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करना है. अमित ने अपनी जाँघों कि और इशारा किया! राहुल अभी भी confuse था! अमित ने उसे हाथों से खींच कर अपनी जाँघों पर लेटा लिया.अमित ने राहुल का सिर थोड़ा और दायि ओर झुका दिया. और उसकी गांड पकड़ कर आगे कि ओर खींचा. राहुल को समझ नही आ रहा था कि अमित अब क्या करने वाला है. गांड के बीच से अमित ने राहुल को ओर आगे कि और खींचा. राहुल जो अब तक घुटने के सहारे से लेता था, उसे अब अपनी टाँगों के बाल लेटना पडा. उसका सिर लगभग जमीन से टच हो रहा था और उसकी चुतड हवा में उठी हुइ थी. उसको अपने शरीर को बैलेंस करने के लिए हाथों का सहारा लेना पद रहा था. तडक.................. अमित ने एक हाथ राहुल कि चुतड पर जोर से हथेली से मारा...... "अहं........." राहुल चीख पडा. "अब मैं जितनी बार भी मरुँगा, तुझे थैंक यु सर कहना है और साथ में गिनती करनी है. समझा." "जी सर" राहुल ने जवाब दिया.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर एक.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर दो.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर तीन .
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर चार.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर पाँच.
हर बार गांड पर थप्पड़ पड़ने के बाद, राहुल के लंड में और उत्तेजना बड गयी.... उसकी चुतड में आग सि लगने लगी. राहुल का लंड वैसे भी अमित कि टाँगों के बीच में फँस रहा था. हर बार चुतड परपड़ने के बाद उसका लंड टाँगों के बीच ने फँस रहा था. इससे लंड पर प्रेशर ब्ड रहा था. उसका लंड और हार्ड हो गाया और उसमें ओर उत्तेजना बढ़ गयी. इतने में अमित ने अपने हाथों कि उँगलियों को राहुल कि गांड और लंड केबीच कि खाल मैं फेरना शुरू दिया. राहुलको ऐसा लगा कि वो किसीदूसरी दुनिया में पहुँच गया है. वो excitement में आहेँ भरने लगा. ओह.. अहं.... ऊम्ह................ अहा............... इतने में अमित ने दुबारा मरना शुरू कर दिया.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर छा .
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर सात.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर आठ.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर नौ.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर दस.
अब तक राहुल का लंड पूरी तरह से हार्ड हो गया था. वो उसको बुरीतरह से छुना चाहता था पर वो एक अजीब सी स्तिथि में था. उसनेअपना शरीर आपने हाथों के सहारे संभल रखा था. उसका लंड अमित कि दोनो टाँगों के बीच में था और वो हर बार उसकी टाँगों के बीच में फँस रहा था. इससे उसके लंड में और उत्तेजना पैदा हो रही थी.
राहुल कि चूतड अब लाल होनी शुरु हो गयी थी. उसकी लाल होती गांड पर अमित ने एक हल्के के हठ फेरना शुरू कार दिया. राहुल कि गांड में जैसे एक करंट सा लगा. "अहं..... उम्ह्ह.......आ........ओह.... आह......." राहुल आँहे जोर जोर से भरने लगा.... तभी अमित ने फिर से अपनी उँगलियों को राहुल के टट्टो के नीचे धीरे से सहलाना शुरू कर दिया. अब तो राहुल पागल सा ही हो गया. "सर प्लीज़..... अहं... अहा.........ओह................. हमाम...........आआ..............." राहुल आँहे भर्ता रहा. अमित नेफिर से उसकी चूतड पर हात से मरना शुरू कर दिया... तडक............... आआआहां........... अहा... इस बार राहुल उत्तेजना में भूल गाया के उसे गिनती भि करनी है... राहुल अपने ही खयालोन में खॊया था. "गिनती...." अमित चीख़ा. रहुल होश में आया. और बोला "ग्यह्रह सर." "हुम्म...................... दट्स बेट्टेर"

to be continued....

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