Monday, 31 July 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 7


राहुल धीरे से नीचे झुका और जीभ को बाहरनिकाला और अपने वीर्य को चाट्ने लगा. ये करने में उसकी चुतड ऊपर उठी हुइ थी और हवा में हिल रही थी. उसका आधा खडा लंड भी उसकी चुतड के साथ हवा में हिल रहा था. अमित उसकी गठि हुईचुतड देख् कर excite हो गया.उसका लंडउसकी पैंट में झटके मरने लगा. उसने अपनी उँगलियों को पैंट में घुसाया और अपने सुपाडे पर फिरया. उसका लंड प्री कम से भरा था. उसने अपनी उँगलियों को कै बार फिरा करबाहरनिकाला और चाट लिया. उसका muh हलका सा नमकीन हो गया. वो बस राहुल कि हिल्ती हुई चुतड और लंड को धेक्ता रहा. उधर राहुल अपने वीर्य को चट रहा था. उसके मुँह में मिट्टी भी जा रही थी, पर उसका दिमाग अपने शरीर पर लगी हुई अमित कि नजरों पर था. वोह इस बात को सोच कर उत्तेजित होने लगा के अमित उसे gay समझ रहा है और जो शायद सच भी है. उसने सारी वीर्य कि बूँदों को चाट लिया और अपने घुटनों के बाल बैठ गया और अगले आदेश का इंतज़ार करने लगा. उसका मुँह नमकीन ओर मिट्टी से अभी भी भरा था. जैसे ही उसने अमित कि और देखा, उसके शरीर में एक झनझनाहट सि हुई. ये सोच के वो पूरा नंगा अमित के सामने है उसे कुछ होने लगा. इतने में अमित ने अपनी उँगलियों से राहुल को अपनी और आने के लिए इशारा किया. राहुल उठने लगा. " उठना नही है, कुत्ते कि तरह चारों टाँगों पर चल कर आ तू." एक मिनट रुक करउसने फिर कहा. "जल्दी कुत्ते". ये कह कर अमित ने एक ठहाका मारा. राहुल काशरीर सिहर गया. वो अपने हाथों और घुटने के बल पर चलता हुआ आगे आने लगा. अमित राहुल कि हिलती गांड देख् कर हिल गया. जब राहुल बिल्कुल पास आ गया, अमित ने राहुलको बलों से खींच कर और पास खींचा और बराबर का ड्रव्येर खोला उसमें से उसने एक कुत्ते का पट्टा निकाला और राहुल के गले में बाँध दिया. " आज से ये ही तेरी पहचान है अगले 4 महीनों के लिए. तू मेरा पैट कुत्ता है हा हा हा हा"
to be continued....

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