Monday, 31 July 2017

अपहरण – २


इतने में अचानक एक जोर से ब्रेक लगा. ड्राईवर ने जोर से हॉर्न बजाया जैसे किसी गेट को खोलने के लिए कह रहा हो. फिर एक गेट खुलने की आवाज़ आई. और गाडी फिर से आगे बड़ी. और थोडा सा बढकर रूक गयी. और पीछे से गेट बंद करने की आवाज़ आई. अचानक गाडी का दरवाज़ा खुला और दूसरी तरफ से जोर से रोशनी आई. मुझे बंद आखोने में भी पता चल रहा था. मैंने फिर से चीखना शुरू किया... “प्लीज मुझे छोड़ दो................प्लीज.................जो चाहिए वो ले लो पर मुझे छोड़ दो.” अचानक किसी ने मेरा मुह दबा दिया.... “अबे बहनचोद, ये तो मरवाएगा, डक्ट टेप ला पहले. इस साले का मुह बंद कर. आसपास में ही पुलिस वन घुमती है रात में यहाँ” रौन ने मेरे मुह पर डक्ट टेप लगा दी. अब मैं मुह में ही बुदबुदाता रह गया. इतने में रोन ने मुझे मेरी टांगों से खींचा और मेरा आधा हिस्सा कार से बाहर था. पर मेरे हाथ मेरे पीछे बंधे थे इसलिए मैं अपने आप को संभल नहीं पा रहा था. रोंन के खीचने से मेरे पीठ पर दर्द भी हुआ, पर मैं बुदबुदाता रह गया. उसने मुझे खड़ा किया. इतने में एक और हाथ आया और इन दोनों ने मुझे तेज़ी से मुझे अंदर की तरफ पुश किया.
मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था की मुझे कहाँ ले जाया जा रहा है. इतनी तेज़ी से मुझे खींचा जा रहा था की मैं कई बार गिरते गिरते बचा... फिर 1-2 मिनट इधर उधर घुमाते ही अचानक मुझे अपने पैरों से पता चला की हम किसी सॉफ्ट से फर्श पर पहुँच गये. इससे मैंने अंदाजा लगाया की हम किसी घर में पहुँच गये हैं. अचानक मुझे जोर से धक्का देकर फर्श पर फेंक दिया. मैं लडखडाता हुआ फर्श पर गिरा और कुछ दूर तक घिसत गया. मेरा सर दिवार पर जाकर लगा.. “आआ..... मैं अपने बंधे मुह से बुदबुदाता रह गया... अचानक कुछ लोगो के अंदर आने की आवाज़ आई...”अबे डोर बंद कर अन्दर, इस चिकने से मजे लेते है...” रौन की आवाज़ थी ये. मेरा दिल जो पहले ही जोर जोर से धड़क रहा था, और धड़कने लगा.. ये शब्द सुनकर अचानक मेरे लुंड ने जोर से झटका मारा. “देख साले का लंड भी पूरा खडा है” सैम ने बोला. “हा हा हा हाहा” सब जोर जोर से हंसने लगे. मेरी बंधी आखों से आंसूं टपकने लगे. “रॉकी इसकी आँखे खोल...इसे भी तो पता लगे की इसके साथ क्या होने वाला है...” रॉकी के क़दमों की आवाज़ सुनाई दी मुझे और उसने मेरी आखों से टेप खींचा...कह्चाक.... और मेरी आखें खुली ही नहीं. चरों तरफ लाइट से मेरी आखें चुंधिया गयी... कई बार छाप्छ्पाने के बाद मैंने आखें खोली. चार जवान लड़कों को अपने चारो तरफ पाया.. रॉकी मेरे चहरे के पास था... रॉकी ने मुझे बालों से ऊपर की और खींचा और कहा “खड़ा हो साले”. मैं डरता डरता और लडखडाता हुआ खड़ा हुआ. मेरे शारीर पर सिर्फ शर्ट थी. नीचे की पेंट और अंडरवियर तो ये लोग गाडी में ही निकाल चुके थे. “अबे पहले इस साले को पूरा नंगा तो कर.” टोनी पीछे से बोला.. मैंने डरते ही पहले टोनी फिर रॉकी की तरफ देखा. रॉकी की आँखों में एक चमक थी. उसने मेरे बालों को खींच कर पुछा, “क्यों बे चिकने, कर दूं नगा तुझे...... हा हा हा हाहा....” मैंने न में सिर हिलाया... “क्यों बे तू नंगा नहीं होना चाहता...” मैंने न में सर् हिलाया....” तो साले तेरा लंड तो पूरा खड़ा है.... हा हा हा हा.... इसका मतलब तुझे मजे आ रहे है.” मैंने न में सर हिलाया.. पीछे से टोनी बोला..” अबे साले को नंगा तो कर...टाइम पास क्यों कर रहा है गांडू.”. मैं बंधे मुह में सर हिलाता रह गया. रॉकी आगे बड़ा और उसने मेरी शर्ट को कालर से पकड़ कर ऊपर से चीर दिया.. अशिर्ट के सारे बटन एक एक करने टूट गये. मैं डर के मारे कांपने लगा. बंधे मुह से रिक्वेस्ट करता रहा... पर वो रुका नहीं. उसने मेरी शर्ट बाँहों से फाड़ दी. मैं हिला हिला कर उसे रोकने की कोशिश करता रहा. पर वो रुका नहीं. और कुछ ही सेकंड में मेरी फटी शर्ट ज़मीन पर पड़ी थी. रॉकी के चेहरे पर एक जीत की चमक थी. उसके बाद टोनी बोला...”अबे रुक, इसकी आखरी इज्जत की निशानी मैं फादूंगा.गया हा हा हा हाहा” मैं समझ गया की मेरी बनियान भी अब फटने वाली है. “ऊम ऊउम.....उम्म्म....” मैं अपने बंधे मुह और रोते ही उनसे भीख मांगता रहा. मेरी शरीर पर मेरी इज्ज़त की आखरी निशानी भी फटने वाली थी. पर टोनी आगे बड़ा और बिना देर लगाये मेरी बनियान भी फाड़ दी और ज़मीन पर फेंक दी...
अब मैं पूरा ऊपर से नीचे तक नगा था.. मैंने नीचे अप्ने नंगे शरीर को देखा. पता नहीं क्यों इस अपमानजनक स्तिथि में भी एक अजीब सी झनझनाहट थी शरीर में और मेरा लंड पूरा खड़ा था.बंधे हाथ और बंधे मुह में और दिल पूरी तरह जोर जोर से धड़क्र रहा था. पर फिर भी इस हालत में मेरा लंड खड़ा क्यों था. एक सेकंड के लिए मैं सोच में पड़ गया... तभी मैंने अपना सर उठाया और ऊपर देखा. चारो लडको की नज़र मेरी बॉडी पर थी और पूरा वो ऊपर से नीचे तक देख रहे थे.

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