Monday, 31 July 2017

एक अजीब सा सपना आया मुझे


“इशांत  इधर आओ…..” मैथ्स टीचर के मुह से अपना नाम सुनकर मेरा दिल धाक से बैठ गया. इस बार फिर मैं फेल हो गया क्या. पिछले तीन सालों से मैं एक ही क्लास में था. और मैं चाह कर भी दसवी क्लास पास नहीं कर पाया था. मेरी उम्र अपनी क्लास के बच्चों से तीन साल ज्यादा थी क्युकी ये पहली बार नहीं था की मैं फेल हुआ था. मेरी दाढ़ी मूछे सब थी जब की मेरे साथ के बच्चों की अभी ठीक से नहीं आई थी. मेरी हाइट भी क्लास में सबसे ज्यादा थी. मेरे माँ बाप की जिद थी की मैं दसवी पास करूँ. “इशांत  तुम्हे सुनाई नहीं दिया…..” मैं फिर से अपनी जगह पर हिल गया. “जी……” मैंने डरते डरते जवाब दिया…. मैं टीचर की सीट के पास पहुंचा ही था. वो तेजी से खड़ा हुआ और उसने मेरे कान पकड़ लिए….” तुझे शर्म नहीं आती की तीन साल से एक ही क्लास में है तू पर अभी भी पास नहीं हो पाता क्लास टेस्ट में तू.” मैथ्स सर अचानक तुम्हे से तुझे पर आ गए थे. “बोल तेरे साथ क्या किया जाए की तू पढाई करे और इस क्लास से दफा हो जाए.” मैथ्स सर मेरा सर कान पकड़ पकड़ कर लहरा रहे थे.
“हा हा हाहाह हा हा हा…...पूरी क्लास जोर जोर से हंस रही थी….”
“बोल जल्दी क्या किया जाये तेरे साथ…” सर फिर से बोले मेरा कान खींचते खींचते ….मैं चुप रहा पर मेरे बॉल्स में कुछ सनसनी शुरू हो गयी इस बेइजत्ती से और सर का पूरी क्लास के सामने मेरे कान खींचने से.
“ठीक है आज क्लास तै करेगी की तुझे क्या सजा मिले….क्युन्कि मैं तो तुझे सज़ा दे दे कर थक चूका हूँ……..क्लास आज तुम लोग सोचो की इसके साथ क्या करना है. ……” ये सुनते ही मेरे शरीर में एक अजीब सी सरसराहट दौड़ गयी और मैं अपने लुंड में खून का भराव महसूस करने लगा…
क्लास से अजीब अजीब सी आवाजें आने लगी….पर एक आवाज़ जो सबसे अलग और ऊँची थी और मेरे कानो से टकराई थी. “सर इसे नंगा करके अपनी टेबल पर मुर्गा बनाएइये और पूरी क्लास इसकी चुतड पर स्केल से पिटाई करे,...” वो आवाज़ क्लास मॉनिटर अमित की थी. अचानक बाकी आवाजें बंद हो गयी और अमित की आवाज़ ही सुने दे रही थी. “ठीक है…...आज ये ही सज़ा मिलेगी इशांत को…..” सर ने अपना फैसला सुनाया.
“अमित और सुशांत तुम दोनों आगे आओ और इशांत के कपडे उतारो पूरी क्लास के सामने. और मेरी तरफ से पूरी आजादी है तुम्हे…” सर ने फरमान सुनाया. इतना सुनते ही अमित और सुशांत दोनों फ़टाफ़ट भागते हुए मेरी तरफ आये और अचानक मेरे कपड़ो पर धावा बोल दिया. मैंने पूरी तरह से अपना बचाव करने की कोशिश करी. पर उन दोनों की ताकत के आगे मैं हारने लगा. एक एक करके मेरी टाई, फिर शर्ट, फिर बनियन, और फिर पैंट उनदोनो ने उतर दी. “ रुको एक मिनट……” सर ने बीच में उन दोनों को रोक दिया… वो दोनों पीछे हट गए. सर ने आगे बढकर मेरा कान फिर से पकड़ कर हवा में मेरा सिर लहराया. “ शर्म आ रही है थोड़ी के नहीं तुझे…..” मैं अचानक रोने लगा और बोला..” सर प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये आगे से ऐसा नहीं होगा.. मैं अच्छे मार्क्स लाकर दिकाऊंगा. प्लीज सर…..” सर हंसाने लगे…” जो तीन साल में न हो सका वो अब क्या होगा…” “ सर प्लीज मैं आपसे भीख मांगता हूँ…..” मेरा मुह शर्म से लाल था और मेरा लुंड मेरे अंडरवियर में पुरे पत्थर की तरह खड़ा था और प्रीकम टपक रहा था. वैसे तीन साल से एक ही क्लास में रहते रहते मुझे बेइज्जती की आदत पड़ गयी थी पर ये तू कुछ ज्यादा ही हो गया था. मैं अपनी पूरी क्लास के सामने लगभग नंगा खड़ा था. पूरी क्लास के लडको की नज़र मेरी बॉडी पर थी. मेरा दिल राजधानी एक्सप्रेस की रफ़्तार से धड़क रह था. और मेरा चेहरा सेब की तरह लाल हो गया था शर्म से. “क्लास तुम्हे क्या लगता है ये काफी है इसको सज़ा देने के लिए….” सर ने क्लास की तरफ देख कर पुछा. “नहीं….नहीं ….नहीं…..” पूरी क्लास एक साथ बोली….सर ने फिर मेरी तरफ देखा…” आज तेरा दिन अच्छा नहीं है. उन्होंने मेरा कान छोड़ा और अमित की तरफ देख कर कहा……” इसे पूरा नंगा करो, ये ऐसे ही सुधरेगा…”
“नहीं सर प्लीज… ऐसा मत करिए… मैं आगे से महनत करूंगा…. प्लीज सर प्लीज….” मैं गिडगिडाने लगा… पर इससे पहले की कुछ कहते सर, अमित और सुशांत ने पूरी ताक़त से मेरा अंडरवियर खींचना शुरू कर दिया...मैंने बहुत रोकने की कोशिश करी, पर दो लोगो के आगे मेरी ताकत बहुत कम थी. उन दोनो ने मेरा अंडरवियर खींच कर फाड़ दिया….”हा हा हा अह आहा हा…..” वो दोनों जोर जोर से हंसाने लगे और उनके साथ पूरी क्लास भी हंसाने लगी. मैंने अपने हाथों से अपना लुंड छुपा लिया...और मेरी आखों से झर झर आंसूं बहने लगे….उन दोनों ने मेरे फाटे हुए अंडरवियर के दोनो तुकडे हवा में फेंक दिए….मेरा लंड पत्थर की तरह सख्त था. मेरा सर नीचे झुका हुआ था. “प्लीज सर मिझे माफ़ कर दीजिये….” मैंने रोते रोते कहा…
“ हा हा हाहा ह आहा….” चारों तरफ बाकी लडको के हंसी के ठहाके और खुसरपुसर मेरे कानो में गूंज रही थी.
“चल अब टेबल पर चढ़ और मुर्गा बन जा….” सर का आदेश मेरे कानों में पडा.
“नहीं सर प्लीज, ऐसा मत करिये…. प्लीज सर….” मैं रोते रोते भीख मांग रहा था औ र्मैने दोनों हाथ जोड़ दिए. पर ऐसा करते ही मेरा खड़ा हुआ लुंड एक झटके के साथ बहार आ गया और अब मेरा लुंड और मेरी झांटें साफ़ दिखने लगी. ऐसा करते ही पूरी क्लास जोर जोर से हंसने लगी. मेरा मुह शर्म से और लाल हो गया...और मैंने फिर से अपने हाथों को अपने लुंड पर लगा लिया…
मैथ्स सर भी हंसने लगे ये देख कर. पर फिर से उन्होंने अपना चेहरा सख्त बना कर कहा “ जो कहा जा रहा है वो कर… नहीं तो और बुरा हाल होगा….”
“ नहीं सर प्लीज….” मैं फिर से गिडगिडाने लगा. . पर इस बार सर का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और वो मेरी और बड़े. उन्होंने आव देखा न ताव, मेरे मुह पर झापडो की बरसात कर दी. मुझे अपने चेहरे को बचाने के लिए अपने हाथों को चेहरे पर लगाना पडा. आठ दस थप्पड़ खाने के बाद मैं टेबल पर गिर पडा.
“जो कहा जा रहा है वो कर…..” सर दुबारा चिल्लाये…
मैं डर के मारे एक दम टेबल पर चढ़ गया…” अब मुर्गा बन…..” मैं फोरेन मुर्गा बन गया. अचानक सब लोग जोर जोर से हंसाने लगे… मेरे लंड में एक जोर का झटका लगा इस अपमान से. मेरी चुतड नीचे थी. तभी सर ने पास में रखी एक डंडी से मेरी चुतड पर जोर से मारा. “आआह्ह्ह्ह…..” मैं एक दम खड़ा हो गया और अपनी चुतड सहलाने लगा. इतने में एक और डंडी पड़ी मेरी चुतड पर “ अपनी चुतड हवा में उपर करके मुर्गा बन.” सर की आवाज़ आई. मैं फ़टाफ़ट दुबारा मुर्गा बन गया पर इस बार मेरी चुतड हवा में ऊपर थी. सर ने तीन चार बार डंडी जोर जोर से मेरी चुतड पर मारी. “अआह्हह...आआह्ह्ह……” मैं बस दर्द में चेइखता ही रह गया. “चुतद नीचे नहीं आणि चाहिए चाहे जो भी हो….” सर का आर्डर आया. मैं अपनी चुतड को नीचे करने का साहस न कर सका.

“चलो अब सब एक एक करके यहाँ आओ और इस लकड़ी के स्केल से इसकी चुतद पर एक एक बार मारो. इशांत हर बार स्केल पड़ने पर तू बोलेगा…..सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा मैं…..समझा? “ सर का आर्डर था. “जी सर….” मैंने रोते रोते जवाब दिया…
अमित और सुशांत तुम दोनों टोपर हो इस टेस्ट के, तुम दोनों शुरू करो इस गधे की पिटाई….”
चूँकि मेरा चेहरा क्लास की तरफ था. मैंने देखा की अमित ने स्केल उठाया और जोर से मेरी चुतड पर स्केल मारा. मैं दर्द से बिल्बिला गाया. “आआअह्ह्ह..आ हा...…...सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा” देखा रा चुतद दर्द के मारे कब नीचे हो गया. मुझे पता नहीं चला… इतने में सर की एक डंडी मेरी चुतद पर पड़ी…..”आआह्ह्ह्ह……” मैं चिल्लाया. “चुतद ऊपर…..” सर बोले. मैंने फ़टाफ़ट अपनी चुतड ऊपर कर ली. इतने में मैंने देखा की लगभग पूरी क्लास टेबल के पास जमा थी और अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी मेरी गांड को सकने को. मैं घबरा गया और मेरी लंड में से प्रिकम टपकने लगा. मैंने देखा की अमित ने सुशांत के कान में कुछ कहा और दोनों जोर जोर से हंसाने लगे. शायद उसने मेरे लंड से टपकते हुए प्रिकम को देख लिया था. पर इस बेइज्जती में भी एक अजीब सी सनसनी पुरे शरीर में दौड़ रही थी. खैर अब मैंने देखा की सुशांत आगे बड़ा और जोर से स्केल मेरे चुतद पर मारा…..”आआह्ह…..” जोर से चीख मेरे मुह से निकली तभी मुझे ध्यान आया की मुझे माफ़ी भी मांगनी है.  “सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा” मैंने फ़टाफ़ट बोला...मेरी आवाज़ में एक कंपकपाहट थी. इसके बाद तो एक एक करके क्लास के सारे लडको ने मेरी गांड की सिकाई करी. हर बार मैं दर्द में चीखा और माफ़ी मांगी. और हर बार मुझे अपने लंड में सख्ती बदती दिखाई दी. २५वें स्टूडेंट तक आते आते तो मुझे लगा की मेरा लंड झड जाएगा. मेरी चुतद स्केल और सर की डंडियाँ खा खा कर सुन्न होने लगी थी डर के मारे और मेरे आखों के आँसूं भी सुखाने लगी. मुझेह अपनी चुतड में लगी आग अपने लंड में बहती दिख रही थी. मैं बुरी तरह से अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाना चाहता था लेकिन सर की डंडियों की मार के डर से उसको नहीं छू पाया. पर मेरा लंड अब जोर जोर से झटके मारने लगा था इतने स्केल खाने के बाद. मुझे लगा की मैं वापिस न पहुँचाने वाली स्तिथि में पहुँच रहा हु. “चल सीधा हो इशांत….” सर ने आर्डर दिया. मैं अब मुर्गा से सीधा खड़ा हो गया पर शर्म के मारे मैंने अपने टपकते हुए लंड को अपने हाथ से छुपा लिया.. पर जैसे ही मैं सीधा हुआ पूरी क्लास के लड़कों ने जोर से ठाहाका मारा. मैं समझ गया की सब लोग मेरे खड़े और टपकते हुए लंड को देख कर हंस रहे है. इस अपमान के बाद तो जैसे मेरे लंड ने जोर जोर से झटके मारने शुरू करे और मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया की अब मैं पूरी क्लास के सामने झडूगा तो मेरी क्या इज्जत रह जायेगी, पर सब कुछ अब मेरे हाथ से फिसलता हुआ नज़र आ रह था. पूरी क्लास के सामने मैंने अपने लंड को जोर से पकड़ किया और दबाने लगा.. “आः….आआअह्ह्ह्ह…….आः……” की आहे भरने लगा….


इतने में मेरी आँख खुली और मैंने देखा की मैं अपने बिस्तरे पडा हूँ… और ये एक सपना था….पर मेरा लंड पूरी तरह से पत्थर की तरह सख्त था और बिलकुल झड़ने वाली स्तिथि में था. ….मैंने फ़टाफ़ट अपनी शोर्ट और अंडरवियर को नीचे खींचा और लेटे लेटे जोर जोर से अपने लंड को हिलाने लगा….और पूरा सपना मेरी आँखों के सामने घुमाने लगा….वो पूरी क्लास के सामने मैं टेबल पर खडा नगा अपना लंड हिला रहा हूँ और पूरी क्लास जोर जोर से हंस रही है. “आःह्ह्ह…...आःह……..” मेरी आहें तेज़ हो गयी. और मेरा पूरा शरीर उत्तेजना से भर गया...मेरा हाथ बिजली की रफ़्तार से हिल रहा था…..और देखते ही देखते मेरी आहें चीखो में बदल गयी और मेरा लंड जोर जोर से पानी छोड़ने लगा. “आह….आह….आआआ……..आआअ…..हूँ……..ऊऊह्ह्ह्ह……..” मैं कुछ समय के लिए पता नहीं किस दुनिया में पहुँच गया…..मेरे लंड में कम से कम १५-20 झटके मारे और जब मैं होश  में आया मैंने देखा की मेरी पूरी छाती और मेरे हाथ पर मेरा वीर्य ही वीर्य था. ….मैं जोर जोर से सांस ले रहा था.

मेरा दिमाग अभी भी उस क्लास वाले सपने में था. काश ऐसा कभी सच में हुआ होता जब मैं स्टूडेंट था….…

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