Friday, 4 August 2017

अपहरण - 6


सैम तेजी से मेरी और बड़ा और पहले उसने कुत्ते के पट्टे को मेरे गले में बांध दिया. फिर २-३ बार उसको गले में एडजस्ट किया. एक बार तो मुझे ऐसा लगा की मेरा दम घुट जाएगा. पर उसने एक सही जगह पर एडजस्ट कर दिया. उसके बाद उसने एक चैन उठकर मेरे पट्टे में बाँध दी.
पहली बार मुझे इंसान का अहसास न होकर रियल में एक कुत्ते होने का अहसास होने लगा. ये सोच कर के मैं एक कुत्ता हूँ मेरे शरीर में झनझनाहट होने लगी. मेरे बॉल्स की खाल में भी सनसनाहट होने लगी.  सैम ने पास में पड़ी एक लकड़ी की पतली डंडी उठाई और जोर से मेरी पीठ पर मारी.
“आआआ ह्ह्ह्ह्ह्हाआआ “ मैं दर्द में चिल्लागया  
“अबे कुत्ते की तरह अपनी चारों टांगों पर चल जैसे एक कुत्ता चलता है. आज से तू हमारा कुत्ता है" सैम बोला.
“सर प्लीज मुझे छोड़ दो, प्लीज सर" मैं फिर से गोडगिडाने लगा. सैम ने आव देखा न ताव देखा, जोर जोर से वो डंडी मेरे शरीर पर मारनी शुरू कर दी. सटाक.... सटाक .....सटाक....सटाक.... सटाक .....सटाक....सटाक.... सटाक .....सटाक....सटाक.... सटाक .....सटाक....सटाक.... सटाक .....सटाक....
मैं दर्द से चिल्लाने लगा. “आआह्ह्ह्ह्हा....   आआआआआ.....  आअह्ह्ह्ह्हा प्लीज सॉरी सॉरी..... प्लीज सॉरी सर ...... आआह्ह्ह्ह्ह्हाआ"
“ सूअर की औलाद कितनी बार बोलना पडेगा की तू ये बार बार नहीं बोलेगा ...... फिर भी बोले जा रहा है".... सटाक.... सटाक .....सटाक.... सैम मरता चला गया... “आअह आहआअह्ह्ह्ह्ह ....ऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह ..... प्लीज मुझे माफ़ करदो..... अब नहीं बोलूंगाा...." वो दर्द मेरे लिए असहनीय होता जा रहा था....."अब नहीं बोलूंगा.... प्लीज मुझे मत मारो...." मैं जोर जोर से रोने लगा.......  जैसे तैसे सैम रुका.. और राहत की सांस  ली.  मैं अभी भी सुबक रहा था. मेरे गाल पूरे गीले थे आंसुओं से.  2-4 मिनट राहत देने के बाद सैम दुबारा बोला.
“चल अब एक कुत्ते की तरह अपनी चारों टांगों पर खड़ा हो जा. “
मैंने अब कोई देर नहीं लगाई क्यूंकि मेरा शरीर डंडियों की आग में जल रहा था  
उसने मुझे आगे की ओर खींचा. मेरा दम घुटने लगा और फर्श मेरे पैरों में और घुटनों में चुभ रहा था. पर मैं डर और दर्द के मारे कांप रहा था. मेरा पूरा शरीर हिल रहा था डर के मारे. मैं जैसे तैसे आगे बड़ा. सैम में जोर से एक बार डंडी मारी “आआह्ह्ह्ह्हाआ हाआह्ह् "ह्हह्हाआह्ह्ह्ह्ह्ह्। "ह्हह्हाआह्ह्ह्ह्ह्ह् "  मैं जोर से चिल्लाया.
“हरामखोर जल्दी से चल....... “ सैम चिल्लाया
मैंने और तेज़ी से चलने की कोशिश करी.
सैम ने मुझे रॉकी के सामने जाकर रोक दिया..... और कहा “ चल अब कुत्ते के तरह दो टांगों पर खड़ा हो. “ रॉकी सोफे पर पैर फैला कर बैठा था. मैं उसके सामने दो टांगो पर कुत्ते  की तरह बैठ गया. सैम ने फिर से मेरे पीठ पर डंडी मारी और बोला “ हाथ अपने निप्प्लेस के पास. मैंने फ़टाफ़ट अपने दोनों हाथ अपनी निप्प्लेस के पास रख लिए और एक कुत्ते की तरह बैठ गया.  रॉकी के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी. और उसकी मुस्कान देख कर मेरे लंड में एक जोर सा झटका लगा. ये सोच कर की मैं एक इंसान नहीं रहा बल्कि एक कुत्ता हो गया हूँ, मेरे शरीर में एक सरसरी सी दौड़ गयी. एक अजीब सा तनाव महसूस किया मैंने अपने लंड में.

रॉकी ने अपनी उंगली से उसकी ओर आने का इशारा किया. मैं एक कुत्ते की तरह चलता हुआ रॉकी की तरफ बड़ा. और उसकी टांगो के पास जाकर रुक गया. रॉकी ने अपने धुल और कीचड़ से भरे जूतों की और इशारा करते ही कहा ” इन जूतों को साफ़ कर” मैं घबरा गया और अपने चरों और कोई कपडा देखने लगा…”अबे सूअर क्या देख रहा हा. ???” रॉकी के मुह से ये गाली सुनकर मेरे लंड ने एक और झटका मारा. “ जी ….वो….. कपडा……” मैं धीरे से बोला. “कपडा ….साले अपने मुह से साफ़ कर…..” रॉकी जोर से बोला.
मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीछे की नीचे रह गयी. मैं एक मिनट के लिए रॉकी के मुह को देखता रह गया की वो क्या कह रहा है. “हरामखोर अपनी जीभ से साफ़ कर" रॉकी फिर चीखा. “सर प्लीज…. ये मुझसे नहीं होगा सर…..” मैंने भीख माँगते हुए बोला. “मादरचोद और पीटना है क्या….” इस बार सैम चीखा. “अब तू सिर्फ रॉकी के नहीं हम चारो के जूते चाटेगा……… चल जल्दी कर……” मेरा दिल धक् रह गया, क्यूंकि मेरे से जूते चाटने का काम नहीं हो सकता था. पर अभी इतने पिटाई खाने के बाद मेरा पुर शरीर जल रहा था.और पीटने की हिम्मत नहीं थी मुझमे. मैं तेजी से आगे बड़ा.. रॉकी का कीचड़ से भरा जूता देख कर मुझे घिन्न आने लगी, मैं इसे चाटुगा कैसे. 

to be continued....

No comments:

Post a Comment

ek ajeeb sa sapana aaya mujhe

“ishaant idhar aao…..” maths teacher ke muh se apana naam sunakar mera dil dhaak se baith gaya. is baar phir main phel ho gaya kya. pichhale...