Wednesday, 11 October 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 24

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अमित पहले अपने बंगले में घुसा और राहुल पीछे पीछे. अमित ने दरवाज़े के पास का स्विच ऑन किया. और आगे बड गया. राहुल डरते डरते धीरे धीरे आगे बड़ा. कुछ कदम चलने के बाद अमित ने पीछे मुड़कर कहा…” घर में हमेशा तू अपनी चारों टांगों पर कुत्ते की तरह रहेगा जब तक तुझे कहा न जाए. समझा….” “जी…..” राहुल ने जवाब दिया और फ़टाफ़ट अपनी चारों टांगों पर आ गया और चलने लगा….उसके गले में पट्टा पहले से ही था...इस कुत्ते की तरह चलने से उसे अपने शरीर में एक सनसनाहट महसूस हुई. उस अपना पूरा शरीर के नंगे होने का अहसास और बड गया. उसे बचपन से कुत्तो की गांड देखने में एक अजीब सा उत्तेजना होती थी. एक कुत्ते की ऊपर उठी हुई पूँछ उसकी गांड को पूरा का पूरा एक्सपोस करती है और यही चीज़ राहुल को उत्तेजित करती थी. पर उसे पता नहीं था की एक दिन वो भी कुत्ते की तरह ज़िन्दगी बिताने पर मजबूर हो जायेगा. उसका लंड फिर से पत्थर हो गया और उसकी हिलिती हुई बॉल्स उसको अपने गुलाम होने के अहसास को और बड़ा रही थी.

अमित धडाम से सोफे के ऊपर गिरा और अपने पैर सीधे कर लिए. “चल इधर आकर मेरे जूते साफ़ कर”. अमित ने घर में घुसते ही राहुल को उसकी औकात याद दिलाने का काम शुरू कर दिया.  राहुल अपनी चारो टांगों पर चलता हुआ आया और झुक कर अमित के जूते चाटने लगा… वो कुत्ते की तरह अपने मालिक के जूते चाटने बैठ गया. एक कुत्ते की अपने जूते चाटते हुए देख कर अमित का लंड भी आहे भरने लगा. उसकी हवा में उठी हुई कुवारी गांड अमित को पूरी तरह उत्तेजित कर रही थी. जूते चाटते हुए राहुल पूरी तरह कुत्ता होने का अहसास करने लगा और भूल गया की वो एक इंसान है. ये उत्तेजना उसके लिए सहन कर पाना मुश्किल था और अनायास ही उसका हाथ अपने लंड की और बदने लगा. अमित ये देख कर अचानक चिल्लाया. “हाथ नीचे…..तुझे पता है न मेरी इजाजत के बिना तू अपने लंड को हाथ नहीं लगा सकता.” उत्तेजना में राहुल का दिमाग भन्ना रहा था. पर वो पूरी तरह असहाय था. राहुल ने पहले अमित के जूतों को चाटा आगे से  फिर पीछे से. और ऐसे ही उसने दूसरा जूता भी चाटा. उसको इसमें एक घिन्न भी आ रही थी, पर मजबूरी में जूते चाटने का अहसास एक अजीब सी तरंग भर रहा था शरीर में. उधर राहुल की चिकनी चूतडों को देख अमित पागल सा हो रहा था. वो जल्दी से राहुल की कुवारी गांड को भेदना चाहता था. पर उसने धीरे धीरे आगे बदने का फैसला किया. उसे पता था की ऐसे करने से राहुल ज़िन्दगी भर उसकी गुलामी करने को मजबूर हो जायेगा. “चल मेरे जूते खोल….” अमित का अगला फरमान था.

फिर अपने दोनों हाथों से अमित के जूते के फीते खोने लगा. तभी अमित ने एक जोर से थप्पड़ राहुल के पुह पर रसीद किया. राहुल हिल गया..”अबे मैंने तुझे हाथ लगाने को खा क्या. कुत्ते हाथ से क्या करते है. चूतिये….अपने दांतों से खोल मेरे फीते.” राहुल सकते में आ गया. ये बहुत मुश्किल काम था. फिर भी आगे की और बड़ा. वो अपने दाँतों से अमित के जूतों के फीते खोलने लगा, पर उसको बहुत मुस्खिल हो रही थी, उसका मुह दुखाने लगा. पर जैसे तैसे उसने दोनों जूतों के फीते खोले.” अब इन्हें अपने मुह से ही उतार.” अमित का अगला आदेश था. राहुल का लंड झटके मार रहा था अमित के हर आदेश पर क्यूंकि ये उसको एक कुत्ते होने का अहसास जो करा रहा था. 5 - 7 मिनट जद्दोजहद करने के बाद उसने मुह से अमित के जूते उतारे. पहले इन जूतों को कमरे की शू रैक में रख कर आ अपने मुह में दबा कर.” राहुल को दोनों जूते मुह में दबाने में खासी मुश्किल हुई और उसका मुह भी दुखाने लगा उन जूतों को दबाकर ले जाने में. पर उसके पास कोई और आप्शन नहीं था, अमित की बात मानने के अलावा. उसने चारो तरफ देखा की शू रैक कहाँ है, फिर उसे मेन डोर के पीछे शू रैक दिखाई दिया. वो जूतों को मुह में लेकर गया और शू रैक में रख दिया. फिर कुत्ते की तरह टहलता हुआ वापिस आकर अमित के सामने बैठ गया. अमित ने राहुल की आखों में देखा. अमित की इस तरह की नज़र से राहुल के शरीर में एक सिहरन सी हुई. “चल अब मेरी टी शर्ट उतार.” राहुल ने वैसे ही किया. अमित के शरीर को इतने नज़दीक से देख और महसूस करके उसका नीचा का हिस्सा कामोत्तेजना से भर गया. पर उसने अपने आप को रोका. “चल मेरी जीन्स का बटन खोल अब और फिर ज़िप.” राहुल के हाथ अब उत्तेजना से कांपने लगे क्यूंकि उसका हाथ अमित की कमर की हिस्से को छू रहा था. उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की अमित के शरीर के उस हिस्से को छू पायेगा. वो उत्तेजना में इतना भर गया की  उसे ऐसे लगा की उसके हाथों में ताकत नहीं है. उसको इस टाइट जीन्स का बटन खोलने में मुश्किल हो रही थी. nervousness की वजह से वो अपनी ताकत ही खो बैठ था. उसे घबराहट थी की अगर उसने और देर करी तो अमित का थप्पड़ उसके मुह पर आएगा. पर वो अमित के शरीर के स्पर्श से अपने होश खोता जा रहा था. अमित की गंथिली कमर छूने पर वो कांपने लगा.  बार बार बटन को खोलने की कोशिश में उसकी उंगलियाँ अमित के खड़े लंड के सुपाडे को टच कर रहीं थी जो उसकी जीन्स के अन्दर था. और ये राहुल को उत्तेजित करने के लिए काफी था. उधर अमित इस पुरे नज़ारे को मजे से देख रहा था. बार बार राहुल की उंगलियाँ उसके पत्थर जैसे लंड से निकलते प्री कम को छू रही थी और इस गीलेपन से राहुल की उंगलियाँ चिकनी हो रही थी और वो बटन नहीं खोल पा रहा था. विअसे   राहुल की घबराहट, अमित को मजा दे रही थी. “क्यों बे सूअर की औलाद, तेरे से एक जीन्स का बटन नहीं खुल रहा….” राहुल ने जो सोचा था वो ही हुआ, अमित चिल्लाया. ये राहुल की घबराहट को और बढाने को काफी था. “जी वो...जी...पता नहीं…..जी वो…..” राहुल घबराहट में बुड्बुदाने लगा. “बहनचोद मैं क्या पूरी रात तेरा इंतज़ार करूँ…” अमित ने राहुल के बाल पकड़ते हुए कहा. “नहीं सर मैं अभी करता हूँ….” राहुल ने जवाब दिया और दुगनी ताकत से जीन्स का बटन खोलने लगा. इस बार किसी तरह बटन खुल गया. और राहुल ने फ़टाफ़ट अमित की जीन्स का ज़िप खोला. “चल अब मेरी जीन्स उतार.” अमित ने बालों को छोड़ते हुए कहा. राहुल सोफे पर बैठे अमित के काफी नज़दीक पहुँच कर उसकी जीन्स को नीचे करने लगा. उसको अमित के शरीर की महक मदहोश कर रही थी. अमित ने अपने शरीर को ऊपर उठाया ताकि राहुल नीचे से जीन्स निकाल सके. राहुल ने अमित के नीचे से जीन्स को निकाला और फिर उसको अमित के पैरों के नीचे से निकाला. राहुल ने अमित से पूछने के लिए अपनी नज़रों को ऊपर किया की उसे उतारी गयी टी शर्ट और जीन्स का क्या करना है, पर उसकी नज़र उसके मुह के पास सांप के फन की तरह तन्तानाते हुए अमित के लंड पर जाकर अटक गयी. अमित का पत्थर की तरह हार्ड लंड बिलकुल उसके नाक के सामने था. राहुल को याद आया की अमित ने ऑफिस से चलते टाइम अंडरवियर नहीं पहना था.  राहुल जिसका खुद का लंड भी हार्ड था, अमित के लंड को छूकर उसे चुसना चाहता था, पर हिम्मत नहीं कर पाया.

“चल अब खड़े होकर इस जीन्स और टी शर्ट को बाथरूम के बहार पड़ी टोकरी में दाल कर आ. कल इनको तू धोयेगा.” अमित की इस ऊंची आवाज़ पर राहुल का ध्यान उसके लंड से हटा. राहुल खडा हुआ और अमित के कमरे के अन्दर जाकर गंदे कपड़ो की टोकरी ढूंढकर उसमे कपडे दाल दिए. कमरे से बहार आते टाइम उसकी नज़र सोफे पर बैठे अमित और उसके खड़े लंड पर फिर से पड़ी. उसका अपना लंड भी उसका साथ नहीं दे रहा था. अमित नंगे राहुल को चलते आते  देख कर काफी उत्तेजित फील करने लगा. वो अपना हाथ अनायास ही उसके अपने लंड पर फेरने लगा. उसके मुह राहुल की कुवारी गांड को भेदने के लिए मचलने लगा. राहुल आकर फिर से अमित के सामने एक कुत्ते की तरह बैठ गया और उसकी नज़रें अमित के मोटे काले लंड पर फिर से टिक गयी. अमित अचानक उठा और अपने कमरे की और गया. जब वापिस आया तो उसके हाथ में एक कॉटन की रस्सी थी. राहुल का दिल धक् से रह गया की अब क्या होने वाला है.

अमित सोफे पर उसी जगह आकर बैठा और राहुल को बालों से अपनी और खींचा और फिर उल्टा कर दिया. अब राहुल की पीठ अमित की तरफ थी. उसने राहुल के हाथों को अपने हाथों से जोर से दबाया. और वो कॉटन की रस्सी को राहुल के हाथों पर बाँधने लगा. उसने रस्सी राहुल की पीठ पर हाथों की कलायिओं पर बाँधी और राहुल का हाथ सख्ती से बांध गया और राहुल दर्द से आहें भरता रह गया. अब अमित ने राहुल को उसके बालों से खींचा और उसका मुह अपने दाहिने हाथ की बगल पर ले गया. “हरामखोर चाट मेरी armpit को चाट " अमित ने कहा. राहुल जिसके हाथ बंधे थे, उसकी नाक अमित के बदन और पसीने की खुशबु से भर गयी और राहुल तो जैसे मदहोश ही हो गया. उसने फटा फट अपनी जीभ निकाली और अमित के बगल को चाटने लगा. पर आश्चर्य की बात ये थी की अमित की बगल पर कोई बाल नहीं था. साफ़ जाहिर था की अमित ने अपनी बगल के बालों को साफ़ कर लिया था. इसका मतलब अमित को पता था की राहुल पैसो का इंतज़ाम नहीं कर पायेगा और वो पूरी तरह से तैयार था उसको अपना गुलाम बनाने को. अमित राहुल को पकडे हुए बालों से जोर जोर से अपनी बगल पर घुमाने लगा. उधर राहुल भी अमित के बगल को चाटने में खो गया. उसके बगल को कोमल खाल और उसके पसीने की खुसबू राहुल को मदहोश करने के लिए काफी थी. पूरी तरह से चाटने और साफ़ करने के बाद, अमित ने राहुल का मुह दूसरी बगल की और ले गया और उसे चटवाने लगा. अमित के बगल पर राहुल की जुबान एक सनसनी फला रही थी और वो एक अजीब सी उत्तेजना का अहसास करने लगा. अमित की कोमल बगल और राहुल की कोमल जुबान मिलकर दोनों को कामोत्तेजना से भर रही थी. दोनों हलकी हलकी आहें भर रहे थे. अमित ने फिर राहुल की जीभ को अपने निप्पलो के पास ले गया. राहुल के हाथ पीछे बंधे होने के कारण वो बिलकुल निस्सहाय था. और पूरी तरह अमित के कण्ट्रोल में था. राहुल ने अपने घुटनों को एडजस्ट किया और अमित के निप्पलो को चाटने लगा. जैसे ही राहुल ने अमित के निप्पलस को चाटा, अमित के मुह से आह निकल गयी. “Aaahhhhhh…….” राहुल समझ गया की अमित पूरी तरह से उत्तेजित है उसके निप्पलस को चाटने पर. इसका सीधा मतलब था की अमित के निप्पल बहुत सेंसिटिव थे. राहुल जोर जोर से अमित के निप्पलस को चाटने लगा और अमित मदहोश होने लगा. राहुल की सॉफ्ट टंग और अमित के सॉफ्ट निप्पलस, दोनों को मदहोश कर रहे थे. अमित की आहें धीरे धीरे तेज़ होने लगी और वो राहुल के सिर को बालों से पकडे हुए अपने निप्पलस पर घुमाने लगा. “आह…..ओह….आह….” अमित की आहें राहुल के लंड में खून भर रही थी और दोनों उत्तेजना में खोने लगे.

10 comments:

  1. tum film ke liye kyo nahi likhte mai film line se hu

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  2. really liked your series....v well expressed. loved the domination. however do include ear pulling too ;)
    -ajay

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    1. Thanks Ajay. I will try adding ear pulling for your sake :)

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  3. next part plz... i am w8ing for it ...

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    1. I am working on it. Please bear up with me for delay as I am short on time.

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  4. Kaas koi Amit mere ko rahul bana kar kutia bana de....
    And make me his GULAAM

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  5. Make me RAHUL KUTIA SIR
    PLEASE PRATEEK SIR
    I BEG U SIR
    MAKE ME UR RANDI KUTIA

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  6. Want next part of the story

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