Monday, 31 July 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 2


" आप जो भीकहेंगे मैं करूँगा पर प्लीज़ पुलिस के पास मत जाइये" राहुल ने अभी भी अमित के पैर पकड़े थे. अमित ने राहुल को बलों से पकड़ कर उठाया. "साले हरामि के पिल्ले, मैं तेरे पास नही आया था, तू आया था. और तूने उस एग्रीमेंट पर साइन किए थे." एक जोर से थप्पड़ राहुल के गाल पर रसीद किया. और उसे गिरने भी नही दिया. अ*ॅआअ हाअ......... राहुल जोर सेचीख़ा. " ये तेरा ड्रामा आखिरी बार है. नही तो अगली बार पुलिस को बुला कर अन्दर कड़वा दूँगा. समझा!!!" "जी सर"
"अ*ॅब जल्दी से नँगा हो और अब मैं तेरे को देरी करने कि सज़ा भी दूँगा. जितनी देर उतनी तेरी सज़ा. सेल मुझे गांदु बना रहा है तब से. अ*ॅब देख् तेरा क्य हाल कर्ता हूँ मैं" अमित अभी भी चीख़ा रहा था. पर इस सब में अमित का लँड पूरा खडा हो गाया था. उसे मन हीमन राहुल को कंट्रोल करके बहुत मजा आ रहा था. उसने राहुल के बाल झिड़ककर उसे पीछे धकेला. " अब तुझे अगर और नही भुगतना है तो एक सेकंड भी देर मत करना" अमित जोर से चीख़ा. राहुल अमित कि इस गरज से पुरी तरह डर गाया. और पीछे होकर अपनी पैंट कि बेल्ट खोलने लगा. उसका चेहरा आँसुओं से भरा था और आँखें लाल थी. काम्प्ते हुए हाथों से बैलत उतरी. उसे नीचे फेंक कर, अपनी पैंट के बटन खोलनेलगा. उसकी पैंट में लँड के उभार से टेंट सा बन गया था. उसने बटन खोलने के बाद पैंट कि चैन को खोला. और जल्दी से उसे नीचे खिसका दिया. वो झुका और पैंट को पुरीतरह से पैरों तक पहुँचा दिया. फिर दोनों टाँगों में से पैंट को निकाल दियाऔर साइड में सरका दिया. अमित राहुल के इस पोज को देख् कर पुरी तरह उत्तेझित हो गाया. राहुल ने वीआईपी लीडर अंडर्वेअर पहना हुआ था. उसमें उसका पुरी तरह से खडा लँड अंडर्वेअर में पूरा टेंट कि तरह उभरा हुआ था. उसका सर नीचे ही था. उसने सर ऊपर ना उठते हुए उप्ने हाथों के अँगूठे को अपने अंडर्वेअर के दोनों ओर फंसाते हुए अंडर्वएर को नीचे कि खींचा और फिर वो नीचे झुका और अंडर्वेअर को पैरों के बीच में से निकाल दिया.
अब राहुल पुरी तरह से नँगा था. उसने अपने दोनों हाथों को अपने लंड को छुपा लिया था.
उसको इस बात से शर्म आ रही थी कि वो अपने लँड पर कंट्रोल नही कर पा रहा था और उसका लँड एक रोड कि तरह हार्ड था.


to be continued.....

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