Friday, 4 August 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 14


अमित ने राहुल को बालों से खीचा और बीच में पड़े उसके ऑफिस टेबल पर धक्का दे दिया. राहुल पेट के बल टेबल पर गिरा. अमित पीछे मुड़ा और अपनी अलमारी की और बड़ा. उसने अलमारी खोल कर उसमे से डक्ट टेप निकाला. वो राहुल की और बड़ा और उसके करीब पहुँच कर उसने उसकी टांगों को अपने पैरो से चौड़ा किया. राहुल अभी भी पेट के बल ऑफिस टेबल पर पडा था. वो डर के मारे ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता था कि जिससे अमित को और गुस्सा आये. अमित झुका और राहुल के दायें पैर को टेबल के दायें पाए से डक्ट टेप से बाँध दिया. ऐसा ही उसने राहुल की बायें पैर के साथ किया. अब राहुल के दोनों पैर टेबल के दोनों पायों से बंधे ही थे. अमित ने राहुल के हाथों में बंधी हुई हथकड़ी को खोला और राहुल के हाथों को आगे की तरफ करके फिर से हथकड़ी लगा दी. अब राहुल के हाथ आगे की और बंधे हुए थे. अमित टेबल के आगे की और गया और एक रस्सी लेकर राहुल के आगे की और खींचे और उनको टेबल के आगे की तरफ बाँध दिया. अमित ने एक और रस्सी को राहुल के पेट पर सख्ती से बाँध दिया. अब राहुल का पूरा शारीर टेबल से बंधा हुआ था. वो टेबल पर चौड़ी टंगे और बंधे पेट और हाथों से लाचार पडा हुआ था.
“अब में तुझे ऐसी सजा दूंगा की तू अगली बार सोचेगा कोई गलती करते हुए” अमित चीखा. “सर प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये. मैं ऐसी गलती दुबारा नहीं करूंगा...... प्लीज....” राहुल गिद्गिदाया पर अमित ने एक न सुनी.......


to be continued....

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