Friday, 4 August 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 15


अमित पीछे मुडा और नीचे पड़ी अपनी चमड़े की बैल्ट उठाई और राहुल की और बड़ा और कहा “अब देख गांडू तेरी चमड़ी उधेड़ता हूँ मैं”
“प्लीज सर आप जो कहेंगे मैं करूंगा, अब और कोई गलती नहीं होगी.. प्लीज मुझे मत मारिये...” राहुल ने अमित को बैल्ट उठाते हुए देख लिया था और वो समझ गया की आगे क्या होने वाला है.
अमित ने बैल्ट को हवा में उठाया और राहुल की नंगी चुतड पर जोर से मारा.. तडाक.....
“आह्हा.................आआ..... अआहा...” राहुल जोर से चीखा... राहुल की चुतड में एक आग सी लग गयी और वो चीखता ही रह गया... अमित चिल्लाया “हर बैल्ट की पिटाई पर बोल.... सर मुझे माफ़ कर दो प्लीज.. अगर नहीं बोला टू दो और पड़ेंगे... समझा......?”
“जी... आह्ह्हा....” राहुल अभी भी दर्द में था.. पर उसने जवाब देना मुनासिब समझा..
तड़ाक................ अमित ने फिर से बैल्ट घुमाकर राहुल के चुतड पर मारी...
“आआ....हहा... सर मुझे माफ़ कर दो प्लीज..... आआ... हां......” राहुल ने जैसे तैसे कर के बोला. अमित को राहुल की चीख से और मजा आया.. उसका लंड जो अभी झडा था फिर से खडा होने लगा.
to be continued.....

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