Friday, 4 August 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 17


“अबे बहन के लौड़े, अब उठ साले.” अमित चीखा. राहुल ने आसुओं से भरी नज़रों को ऊपर उठाया. राहुल अभी भी अपनी जलती हुई चूतडों को मसल रहा था. इस ऊँची आवाज़ से एक बार जोर से हिला डर के मारे. वो फ़टाफ़ट खड़ा हो गया पर उसका हाथ अभो भी जलती हुई चूतडों को मसल रहा था.
“दोनों हाथ सिर के पीछे और मुह दूसरी और करके खड़ा हो.” अमित ऊँची आवाज़ में बोला.
राहुल ने वैसे ही किया. अमित ने राहुल के गंठे हुए शारीर को पीछे से देखा. उसका मन पूरी तरह वासना से भर गया. वो अपने खड़े लंड को जोर जोर से दबाने लगा… क्यूंकि राहुल का मुह दूसरी तरफ था वो राहुल को अच्छी तरह से देख प् रहा था. उसको नज़र राहुल की लाल गांड पर पड़ी. उनकी चुतद पर लाल लाल खाल बहुत अच्छी लग रही थी. राहुल का गोरा रंग और उस पर ये लाल लाल चुतद, उसके मुह में पानी आ गया.. पर उसने अपने आप को रोका क्यूंकि वो पहले ही दिन राहुल को तोडना नहीं चाहता था. वो धीरे धीरे करके पूरी तरह राहुल के दिमाग पर कण्ट्रोल करना चाहता था. वो अचानक उठा और धीरे धीरे राहुल की और बड़ा. उसने पीछे से जाकर, राहुल की चुतद पर हाथ फेरा…
राहुल की चुतड अभी भी जल रही थी, पर अमित का हाथ एक ठन्डे पानी की तरह पडा. और वो हिल गया. उसके अचानक पीछे अमित को देखा. अमित अभी भी राहुल की चुतद पर हाथ फेट रहा था. और राहुल मदहोश होने लगा...वो एक मिनट में ही भूल गया की अमित ने उसके साथ क्या किया था उसके साथ अभी. अमित के हाथ अब थोडा ऊपर बड़े. और उसकी कमर पर फिरने लगा. अब तो राहुल के पुरे शरीर में करंट सा लग गया. उसके कमर का करंट उसके लंड की और बडने लगा. और उसके बॉल्स की खाल में सरसराहट शुरू हो गयी. अमित ने फिर से अपना हाथ राहुल की चुतड पर घुमाया. उसकी दर्द और आग में जल्दी हुई चूतड़ों में जैसे और आग लग गयी और वो अमित के हाथ को पकड़ना चाहता था. पर उसको डर था की अमित गुस्सा न हो जाए. इसीलिए अपने मन के अरमान को मन में ही दबा लिया. उसकी नज़र फिर से उसके अपने लंड पर गयी और वो देखने लगा की धीरे धीरे फिर से उसका लंड थोडा बड़ा होना शुरू हो गया था. वो घबरा गया कहीं फिर से अमित को गुस्सा न आ जाए. पर अमित के हाथ उसके शरीर पर ऐसी उत्तेजना पैदा कर रहे थे की वो धीरे धीरे मदहोश हो रहा था. उसका अपने दिमाग पर कोई कण्ट्रोल नहीं था तो लंड पर कैसे होता. उधर अमित राहुल के मन की दुविधा को समझ गया और मन ही मन आन्नद लेने लगा. उसने अपने हाथ हो फिर से राहुल की टांगों के बीच में घुमाया और इस बार फिर से राहुल के मुह से आह निकल गयी. अमित मुस्कुराते ही अपनी उँगलियों को राहुल की बाल्स पर घुमाया. उसको राहुल की कमज़ोरी पता लग चुकी थी. राहुल का लंड फिर से पहले जैसा पत्थर का हो गया. उसके लिए अपने हाथ को ऊपर रखना अब मुश्किल हो गया. उसने फ़टाफ़ट अपने हाथो से अमित की उँगलियों को पकड़ लिया. पर अमित को पता था की राहुल के हाथ की पकड़ में वो सख्ती नहीं थी. मन ही मन तो राहुल चाहता था की अमित और उसकी बॉल्स पर अपनी उंगलियाँ घुमाये. और अमित ने वैसे ही किया. “हाथ ऊपर सूअर की औलाद. मैंने तुझे हाथ नीचे करने को कहा क्या" राहुल एक दम चौंक गया. उसने डर के मारे अपने हाथ वापिस ऊपर कर लिए. और अमित ने अपना काम जारी रखा. कुछ पांच मं में राहुल फिर पागल होकर आहें भरने लगा. “आअह्ह्ह्ह……..ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…………..आआआअम्मम्मम्मम……………..म्म्मम्म्मम्म ……..”
अमित ने पीछे से देखा की रहू अब फिर से पूरा उत्तेजित है. उसकी आखें बंद थी उत्तेजना में. अमित ने वहां पर फिर से एक ब्रेक लगाने की सोची.
अचानक वो पीछे मुडा और सोफे पे जाकर बैठ गया. राहुल का मुह अभी भी दूसरी तरफ था और हाथ सर पर. अमित के हाथ रुकते ही उसे एक झटका लगा और वो फिर से होश में आया. उसने पीछे मुड़ने की सोची, पर डर के मारे नहीं मुडा. पर उसकी हालत काफी पतली थी और वो अपने पत्थर जैसे लंड को छूना चाहता था.
“इधर की तरफ मुह कर साले" अमित एक दम जोर से बोला की राहुल चौंक गया. और वो अमित की और मुडा. राहुल ने सोफे पर बैठे अमित की तरफ नज़र घुमाते ही उसका पूरा नंगा शरीर और उस पर पूरी तरह खड़ा लंड देखा. उसके मन में एक अजीब सी सरसराहट हुई.
“मुझे अभी आधे घंटे का काम ख़तम करना है. तू यहाँ ऐसे ही खड़ा रहकर मेरा इंतज़ार कर. उसके बाद तुझे अपने घर लेकर जाऊँगा.” अमित बोला. राहुल के शरीर में एक सरसरी सी दौड़ गयी. वो अचानक सोच में पद गया की ”अमित उसे अपने घर कैसे लेके जाएगा. क्या नंगा ही. ये सोचते ही वो डर गया. अमित ने कुछ ही देर पहले बोला था की आज के बाद उसे कपडे पहनने को नहीं मिलेनेगे. अगर वो उसे नंगा ही लेकर गया तो उसका क्या होगा...कैसे वो यहाँ से आगे अपनी ज़िन्दगी बिताएगा. क्या अमित सच में उसे पूरी तरह नंगा रखेगा…” अचानक उसका शरीर डर के मारे हिलने लगा. अमित उधर बोलकर नंगा ही अपनी टेबल की तरफ बड़ा और लैपटॉप पर काम करने लगा. अमित ने ऐसे दिखाया की राहुल की उसके सामने कोई अस्तित्व नहीं है. ये भी उसका राहुल के आत्मा विश्वास को तोड़ने का ही तरीका था. राहुल पूरी तरह नंगा कमरे ने खड़ा था और कब न जाने वो अपनी पिछली ज़िन्दगी में चला गया. वो सोचने लगा की उसकी ये हालत क्यों हुई.
To be continued…..

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