Tuesday, 8 August 2017

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 19


क्या….." राहुल ने अचम्भे से पुछा. “क्यों बे बहरा है क्या….? मेरे जूते चाट.” अमित ने जवाब दिया.
“सतीश तू अपने पुलिस स्टेशन फोने कर….” अमित जोर से बोला.
“नहीं सर…. प्लीज…. मैं चाटता हूँ. “ राहुल ने घबराकर कार कहा.
राहुल के लिए इससे बड़ी बेअज्जत्ती आज तक नहीं देखि थी. इस सब से उसका लंड एक दम खड़ा हो गया और बहुत सख्त हो गया. राहुल धीरे धीरे अमित के जूतों की और बड़ा. और उसके जूते चाटने लगा. उसको बहुत घिन्न आ रही थी पर इस अपमान में भी एक अजीब उत्तेजना का अहसास हो रहा था. अमित और सतीश ने हँसना शुरू कर दिया. राहुल के अपमान की सीमा न रही. उसका लंड उसकी पैंट में झटके मारने लगा. अमित ने एक एक करके अपने दोनों जूते राहुल से चत्वाए. उसके बाद उसने सतीश के जूते चाटने को कहा. राहुल इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा था. पर उसके बाद कोई और रास्ता नहीं था. राहुल ने सतीश जो की एक अनजान आदमी था, के ही जूते चाटे. इस अपमान के बावजूद वो क्यों इतना उत्तेजित महसूस कर रहा था ये उसे ही पता नहीं था. आखिर में सतीश ने उसे अपने जूते के बल पर धक्का दिया और जोर से हंसने लगा. अमित और सतीश की हंसी से उसके लंड ने और जोर से झटका मारा. उसने धीरे से अपने लंड को पैंट एडजस्ट किया.वो उस फजीहत से बचना चाहता था जो उसके पैंट में खड़े लंड से होने वाली थी. राहुल जमीन से उठने लगा, इतने में सतीश ने अमित से पुछा. “फिर क्या करना है इस कुत्ते का?” अमित थोड़ी देर तक राहुल की और देखने लगा. फिर बोला. “देख भे हरामी, तेरे को मैं ३ दिन का टाइम देता हूँ, पर…….” राहुल को थोड़ी रहत मिली. “ पर…. अगर तीन दिनों में ५ लाख का इंतज़ाम नहीं हुआ तो ततू जेल जाएगा और ज़िन्दगी भर के लिए कही नुँकरी नहीं मिलेगी तुझे.” राहुल आखों में आंसूं भर कर रिक्वेस्ट करने लगा. “ सर तिन दिनों में ५ लाख किसी भी हालत में इंतज़ाम नहीं कर सकता, प्लीज मुझे कम से कम एक महीने का टाइम तो दीजिये प्लीज. प्लीज मुझे पुलिस में मत भेजिए. नहीं तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी, कोई नौकरी नहीं मिलेगी मुझे सज़ा काटने के बाद भी, मैं भूखों मर जाऊँगा. प्लीज मैं आपसे भीख मांगता हूँ.”
“ बिलकुल नहीं सूअर की औलाद……”
“प्लीज सर……”
“साले ये तो गबन करने से पहले सोचना चाहिए था…..”
“प्लीज सर मैं आपकी गुलामी करने को भी तैयार हूँ मैं…..”
अमित की आखें चमक गयी…..”क्या बोला तू?”
“ जी सर मैं आपकी गुलामी करूंगा. प्लीज मुझे जेल मत भेजिए….”
“ठीक है, मैं तुझे ३ दिन का टाइम देता हूँ, नहीं तो अगले चार महीनो के लिए तू मेरा गुलाम होगा….”
राहुल स्तब्ध रह गया. उसे नहीं समझ आया की वो क्या करे. किसी तरह अपनी ज़िन्दगी बचाना चाहता था वो, क्युकी एक बार जेल जाने के बाद उसे कोई नौकरी नहीं देगा….
“गुलाम का मतलब पता है तुझे…..” अमित ने पुछा.
“ जी वो…..मतलब आपका नौकर……” राहुल ने झिझकते हुए बोला.
“नौकर और गुलाम में फर्क है गधे….. नौकर सिर्फ काम करता है और उसे पैसे मिलते है. गुलाम के साथ वो नहीं है. उसे कोई पैसे नहीं मिलते और उसकी अपनी कोई ज़िन्दगी नहीं होती, न मर्ज़ी न इच्छा और न ही कोई तमन्ना. वो सांस भी लेता है तो मालिक की ख़ुशी के लिए और बिना मालिक की मर्ज़ी के वो सांस भी नहीं लेता...गुलामी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. गुलाम एक इंसान नहीं बल्कि एक कुत्ते की तरह मालिक की इच्छा से जीता है. मंजूर है तुझे????......” अमित के ये शब्द सुनकर राहुल कांप गया. “ बोल साले हाँ या ना…..” . “ जी ….वो…..” राहुल कांपने लगा. “हाँ या ना…..” अमित चिल्लाया. “ जी हाँ मुझे मंजूर है.” राहुल ने घबराकर जवाब दिया.
अमित ने मुस्कुराकर कहा “ ठीक है राहुल, तू बहार जाकर बैठ, मैं सतीश के साथ बैठकर तेरी गुलामी की शरतें लिखकर तुझसे साइन लेता हूँ. अगर फ्राइडे तक पैसे मिल गए तो तेरे पास आजादी है, नहीं तो अगले चार महीनो की पूरी गुलामी. सांस लेने के अलावा तू कोई काम मेरी मर्ज़ी के बिना नहीं करेगा. जा बहार जाकर मेरा वेट कर..”
राहुल बहार जाकर अपनी सीट पर बैठ गया. 30 मिनट के बाद अमित ने उसे अन्दर बुलाया. राहुल जैसे ही टेबल के सामने आया, अमित ने एक स्टाम्प पेपर टेबल पर फेंका और कहा “ रहुल अपनी गुलामी के शर्तें पद ले. बाद में मत कहियो की तुझे पता नहीं था. अगर मंजूर है तो ठीक वरना मुझे इसी टाइम पुलिस को कॉल करना होगा.”
राहुल डर गया. उसने स्टाम्प पेपर की शर्तें पड़ी, उसका चेहरा पीला पड गया और उसके हाथ पैर कांपने लगे… “ सर प्लीज इतने स्ट्रिक्ट मत बनिए…..” राहुल भीख माँगने लगा.
“ बहनचोद तेरा रोना पीटना देखने के लिए टाइम नहीं है मेरे पास. साइन कर नहीं तो सतीश अभी पुलिस को फोने करेगा. “ अमित चिल्लाया.
राहुल के पास कोई उपाय नहीं था. उसने पेपर उठाया और साइन कर दिए. उसकी आखों से आंसूं बह रहे थे. पर उसका लंड उसकी पैंट में जोर जोर झटके मार रहा था. उसके लंड में उत्तेजना बहुत बड गयी. वो किसी तरह से अपने लंड की उत्तेजना को कम करने के लिए हाथ से दबाने लगा, पर उत्तेजना बहुत ज्यादा बड चुकी थी और एक ऐसे मुकाम कपर पहुँच गयी की वो कुछ नहीं कर पाया. इससे पहले की वो कुछ सोच पाता उसके लंड ने उत्तेजना में जोर जोर से झटके मार कर पानी छोड़ना शुरू कर दिया. इन गुलामी की शर्तों ने उसके पुरे शरीर में एक अजीब सी सरसराहट भर दी इससे पहले की वो कुछ सोच पाता उसका लंड झड गया. और कुछ सेकंड्स के लिए राहुल को पता ही नाहा थी को वो कहाँ है और क्या कर रहा है. अमित की आखें राहुल पर ही थी. उसने राहुल के चेहरे के बदलते रंगों से पहचान लिया की उसके मन में क्या चल रह है. राहुल को जब होश आया तो उसने महसूस किया की उसका अंडरवियर पूरा उसके वीर्य से भर गया है और उसकी ग्रे कलर की पैंट पर एक बड़ा सा धब्बा अलग से धिकने लगा. उसने हाथ से उसे छुपाने की कोशिश करी, पर अमित ने नोटिस कर लिया.
“हाथ पीछे…..” अमित ने फरमान सुनाया. राहुल घबरा गया. सतीश भी देखने लगा की ऐसा क्या हुआ की अमित ने राहुल को हाथ पीछे करने को कहा.
“ मैंने कहा हाथ पीछे…..” अमित दुबारा चीखा.
राहुल ने हाथ पीछे किये. “देख सतीश, इस हरामी का तो लंड झड गया. हे हे हे……..” अमित अचानक जोर जोर से हंसाने लगा. सतीश ने भी राहुल की पैंट की और देखा और उसकी भी हंसी छुट गयी. “ हा हा हा हाहा…..” राहुल की पैंट पर एक बड़ा सा गिला धब्बा उसके वीर्य का पड़ गया. राहुल का चेहरा जो पहले से ही डर के मारे लाल था अब शर्म से और लाल हो गया जैसे खून टपकने लगा हो. “साले का लुंड झाडा लगता है…..देख वो बड़ा सा धब्बा. सतीश उठा और उसकी पैंट खोलने लगा. राहुल ने हाथ से उसे रोका. “हाथ पीछे राहुल……” राहुल ने दया भरी नज़र से अमित को देखा पर उसका चेहरा बहुत सख्त था. राहुल ने हाथ पीछे कर लिया. सतीश ने रौल की पैंट खोली और नीचे सरका दी उसके घुटने तक. राहुल ने नीचे देखा की उसका पूरा अंडरवियर गिला था और उसके अपने पानी से भरा था. सतीश और जोर से हंसाने लगा. राहुल के सर पर जैसे आसमान टूट गया. अमित भी अभी तक हंस रहा था. सतीश से फिर अंडरवियर भी और फ़टाफ़ट नीच कर दिया. राहुल का लंड अब आधा खड़ा था झड़ने के बाद. पर उसके लंड के सुपाडे पर पूरा वीर्य लगा हुआ था. सतीश ने राहुल के लंड पर उंगली फेरी और राहुल का झडा हुआ वीर्य अपनी उंगली पर लिया और राहुल के होठों पर लगा दिया. “चाट साले अपना पानी…. हे हे हेहे ….” सतीश के टच करने से राहुल को एक अजीब सी सनसनाहट हुई. उसने अपना वीर्य चाता. सतीश मुड़ा और अपनी अमित की और देखा. अमित ने सतीश को बैठने का इशारा किया. सतीश ने वैसे ही किया.
“अबे तेरा लुंड क्यों झड गया. बहुत excited हो गया गुलामी की शर्तें पद के.?” अमित ने पुछा. राहुल ने गर्दन नीची कर ली. “ चल ठीक है अपना अंडरवियर उतार पूरा और जो पानी झडा है तेरा उसे चाट.” अमित राहुल को खूब अपमानित करना चाहता था. राहुल ने अचम्भे भरी नज़र से अमित की और देखा. अमित ने घूर कर राहुल को देखा और तभी राहुल ने अपनी पैंट और अंडरवियर को उतारा और अपने अंडरवियर के गीले भाग को चूसने लगा. राहुल इस अपमान को सहन नहीं कर पा रहा था. अपने अंडरवियर को चूसते ही उसका मुह अपने ही वीर्य की महक में खो गया. राहुल अपने ही वीर्य की महक से मदहोश होने लगा. उसको ये महक बहुत पसंद थी बचपन से. अक्सर वो अपने अंडरवियर में मुठ मार कर उस अंडरवियर को सूंघता था और बहुत उत्तेजित हो जाता था. आज पर दूसरी स्तिथि थी पर राहुल अभी भी अपने मन को कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था. कुछ देर बाद अमित चीखा “ ठीक है साले अब अपने इन गीले कपड़ो को पहन और यहाँ से दफा हो जा. इसके बाद तू मुझे फ्राइडे शाम को मिलेगा, या तो पैसो के साथ या फिर गुलाम बनाने के लिए. समझा ना साले??” राहुल ने डर के मारे अपना सर हिलाया. “ चल फुट यहाँ से. “ अमित फिर बोला. राहुल बे फटाफट अपने कपडे पहने और रूम से निकल गया. वो सीधा अपनी डेस्क पर गया. अपना बैग उठाकर अपने ऑफिस की बिल्डिंग से बहार गया और ऑटो पकड़ कर अपने घर की और रवाना हो गया. वो कब अपने घर पहुँच गया उसे पता ही नहीं चला. पुरे रस्ते उसका दिमाग अब अपनी आने वाली ज़िन्दगी पर घूम रहा था.

To be continued…..

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