सारे बटन खोलने के बाद राहुल ने अपनी बाहों को ओवरकोट में से निकाला और ओवरकोट को पीछे फेंक दिया. अब वो पूरी तरह नंगा कार की आगे की सीट पर बैठा था. और उसका लंड पूरा पत्थर की तरह हार्ड था, इस अपमान जनक स्तिथि में. उसकी धड़कन की रफ़्तार राजधानी एक्सप्रेस की तरह तेज थी. उसके मुह से डर के मारे पसीना टपक रहा था. इस तरह रात में कार की आगे वाली सीट पर पूरी तरह नंगा होकर शहर की सडको पर जाना, उसने कभी ज़िन्दगी में भी नहीं सोचा था. अमित ने शरारत भरी नज़र से राहुल की और देखा. राहुल ने अमित से नज़रें मिलाकर आँखों ही आँखों में भीख मांगी, पर अमित ने कोई तवज्जु नहीं दी और उसके पत्थर जैसे टपकते ही लंड को लालच भरी नज़र से देखने लगा. राहुल ने शर्म से अपने लंड को हाथो से छुपाने की कोशिश करी, पर तुर्रंत अमित का फरमान आया. “हाथ नीचे….” राहुल ने तुर्रंत हाथ नीचे कर लिए और अपनी आखें भी. अमित ने गाडी स्टार्ट करी और आगे बडाई. कार बेसमेंट से बाहर निकली. बिल्डिंग प्राय: सिक्यूरिटी वाले होते है. और राहुल के दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो गयी ये सोच कर की सिक्यूरिटी वाले उसे देख लेंगे तो क्या होगा. वो तो उसे पहचानते है. कार बिल्डिंग के गेट की और बड़ी. डोर से कार आती देख सिक्यूरिटी वाला गेट की और बड़ा. राहुल का पूरा मुह पसीने से भर गया, हाथ पैर कांपने लगे. सिक्यूरिटी वाला गेट खोलने में बिजी हो गया और पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इतने में अमित ने कार आगे बड़ा दी. और जब तक सिक्यूरिटी वाला पीछे मुड़ता, अमित कार निकाल चूका था. राहुल की सांस में सांस आई. उसने भगवान् का शुक्रिया अदा किया की सिक्यूरिटी वाले ने उसे नहीं देखा. पर अभी उसकी घबराहट कम नहीं हुई थी क्युकी ऑफिस और अमित के घर का रास्ता 4 किलोमीटर का था. उसकी नज़र चारो और थी की कोई उसे देख तो नहीं रहा. बीच बीच में उसकी नज़र अपने लंड पर जा रही थी. किसी तरह से अगर लंड बैठ जाए तो कम से कम उसकी कुछ इज्जत तो बच जाए अगर कोई देख ले तो. पर उसका लंड बिलकुल उसका साथ नहीं दे रहा था. और लगातार एक राकेट की तरह ऊपर की तरफ खडा था. प्रिकम उसके लंड के ऊपर से टपक रहा था. इसका मतलब उसको अन्दर से इन सब में मजा आ रहा था. अमित कनखियों से ये सब देखते हुए, इस सब का मजा ले रहा था. अचानक अमित ने एसी ऑफ कर दिया और साइड के बटन से विंडो ग्लासेज को नीचे कर दिया. “एसी की कोई जरूरत नहीं है मौसम बढ़िया है बाहर का.” अमित बोला. ये बोलते बोलते उसने दोनों तरफ की विंडो ग्लासेज को नीचे कर दिया. राहुल पूरी तरह घबरा गया. हालांकि ये रात थी पर खुली खिड़की से तो कोई बाहर का आसानी से देख सकता था की राहुल पूरा नंगा बैठ है कर में. राहुल जो पहले इ डरा था, अब तो डर के मारे कांपने लगा. “सर प्लीज, मेरी इज्जत का थोडा तो ख्याल करिए, लोग क्या कहेंगे.” राहुल फिर से गिडगिडाने लगा. उसकी आखों में आंसूं भर गए. ये बोलते बोलते भी उसकी नज़र बार बार बाहर जा रही थी की खी कोई उसे देख तो नहीं रहा. अमित ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही अब राहुल की और देखा. “सर प्लीज खिड़कियाँ बंद कर लीजिये….मैं आपके पैर पड़ता हूँ. “राहुल फिर गिडगिडाने लगा, पर राहुल ने कोई तवज्जो नहीं दी. बल्कि शीशे से कनखियों से राहुल को भीख माँगते देख रहा था. उसकी इस बैजत्ति में उसका अपना लंड पूरा खडा हो गया. राहुल समझ गया की अमित पर कोई असर नहीं होने वाला. और राहुल का अपना लंड भी तो उसका साथ नहीं दे रहा था. कार आगे बदती रही. देर रात होने की वजह से बहुत ज्यादा लोग रोड पर नहीं थे और जो थे भी उन्होंने राहुल की और नहीं देखा. राहुल घबराते हुए बैठा था और एक एक मिनट उसे एक एक दिन जैसे लगा रहा था. बाहर से आती हुई हवा उसके पसीने से लथपथ शरीर को ठंडा कर रही थी. और उसका शरीर जो डर से कांप रहा था, ठंडी हवा से और कांपने लगा. 15 मिनट ड्राइव के बाद, गाडी अमित के घर पर पहुंची. उसके घर का गेट बंद था. अमित ने ठीक घर के गेट के सामने गाडी कड़ी करी. “ ये ले गेट की चाबी और जाकर गेट खोल.” राहुल को विश्वास नहीं हुआ उसने क्या सूना है. “जी….जी…..” राहुल बुड्बुदाता रह गया. “अबे जाकर गेट खोल" अमित ने हाथ पकड़ कर गेट की चाबी राहुल के हाथ में देते हुए बोला. राहुल की सास ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गयी. वो नंगा होकर गेट पर जाकर लॉक कैसे खोल सकता है. “जी ….वो ओवरकोट पहन लूँ…..” राहुल ने झिझकते हुए पुछा. “ नहीं….ऐसे ही जा.” अमित का जवाब था. राहुल ने फिर से अमित की और देखा, पर इस बार अमित की आँखों में गुसा था. “ मैंने कहा जा कमीने ….. “ राहुल ने घबराकर कार का गेट खोला. नीचे उतरने से पहले उसने दोनों तीनो तरफ देखा की कोई है तो नहीं. वैसे तो आस पास कोई नहीं था पर गेट के पास ही स्ट्रीट लाइट होने की वजह से पूरी रौशनी थी. इसका मतलब दूर से भी कोई उसे नंगा देख सकता था. इस डर से उसके लंड ने एक झटका मारा, वैसे उसका लंड इतनी देर से बैठ ही नहीं था डर के मारे. वो तेजी से कार से निकला और गेट की और भगा. उस चाबी के छल्ले में कई चाबियां थी. उसको नहीं पता था की कौन सी चाबी कौन से ताले की थी. वो हडबडाते हुए अलग अलग चाबियाँ ट्राई करने लगा. पर घबराहट में कोई भी चाबी नहीं लग रही थी. वो बार बार दोनों तरफ देख रहा था की कोई आ तो नहीं रहा. फिर चाबी लगाने की कोशिश कर रहा था. पर उसके हाथ कांप रहे थे. लंड खडा था और पैरों में जैसे जान ही नहीं थी. ज़िन्दगी में पहली बार वो रोड पर नंगा खडा होकर किसी के घर का ताला खोलने की नाकाम कोशिश कर रहा था. उधर अमित को इस सब में खूब मजा आ रहा था. राहुल के चेहरे की घबराहट, कांपते हाथ, खड़ा लंड, और डर के मारे हिलते हुए चुतड, देखकर अमित को बहुत आनंद आ रहा था. और उसका हाथ अनायास ही अपने लंड को दबाने लगा. 4-5 मिनट ट्राई करने के बाद राहुल वापिस कार के पास आया और बोला,” सर उसमे तो कोई चाबी नहीं लग रही है. लगता है इस ताले की चाबी नहीं है सर. “ अमित ने ऊँची आवाज़ में जवाब दिया, “ ऐसा कैसे हो सकता है. मैं तो रोज़ खोलता हूँ…ठीक से ट्राई कर.” राहुल निराश हो गया. वो किसी भी तरह कर के अन्दर आना चाहता था. उसको डर था की कोई आ न जाये और उसे इस हालत में न देख ले. पर उसके पास कोई और चारा नहीं था. वो फिर से गेट की और गया और ताला खोलने की कोशिश करने लगा. अमित कार में बैठे बैठे हंस रहा था, क्यूंकि उसे पता था की इस ताले को खोलने का तरीका कुछ अलग था. और पहली बार में कोई इसे खोल नहीं सकता था. पर उसे राहुल को नीचा दिखने में बड़ा मजा आ रहा था. राहुल की घबराहट और बढती जा रही थी. क्यूंकि वो एक चलती फिरती सड़क थी. अगर कोई आ गया तो उसकी असलियत जानकर पता नहीं क्या सोचे. उसके कांपते हाथ और पैर उसकी घबराहट को साफ़ दिखा रहे थे. अमित गुस्से का नाटक करता हुआ कार से निकला. राहुल कुछ और डर गया. उसने राहुल को बालों से पकड़ा. “ क्यों बे सूअर की औलाद, एक छोटा सा ताला नहीं खुल रहा तुझसे. बहनचोद और काम क्या करेगा तू…….” “सर वो …..वो…….पता…. नहीं क्यों नहीं खुल रहा. आअह्ह्ह्ह…….” राहुल बुड्बुदाता रह गया. “साले अगर या ताला नहीं खुला तो आज रात तू इस सड़क पर ही सोयेगा….” अमित बालों को छोड़ते हुए चिल्लाया. राहुल के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी……”नहीं सर प्लीज. मैं फिर से ट्राई करता हूँ….” अमित मन ही मन मुस्कुरा रहा था राहुल की बेवकूफी को देख कर. पर सच ही तो है की घबराहट में आदमी का दिमाग नहीं चलता.. राहुल का दिमाग बिकुल चलना बंद हो गया था. उसने झाल्लाते हुए कोशिश की पर कोई सफलता नहीं मिली. “ सर प्लीज मुझसे नहीं खुल रहा. “ राहुल ने घबराते हुए अमित की और देखा. अमित ने राहुल के हाथ से चाबी छिनी और अपने हाथ में ली. उसे अपने घर के गेट के ताले को खोलने का तरीका मालुम था. उसने फटाक से चाबी घुमाई और लॉक खुल गया. अमित ने गुस्से से राहुल की और देखा. राहुल सकते में था. उसे समझ नहीं आ रहा था की ऐसा कैसे हुआ. “ सर मेरा विश्वास कीजिये मैंने ठीक से ट्राई किया था. “ राहुल बुदबुदाया. “तो फिर खुला क्यों नहीं. … अब तू आज रात यहीं बिताएगा…” राहुल के पैरो से जमीन निकल गयी…” नहीं सर प्लीज…. मुझे माफ़ कर दीजिये….आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. राहुल अमित के पैरों में गिर गया...पर अमित ने कोई तवज्जो नहीं दी. राहुल को धक्का दिया. गेट खोला और अपनी कार ने बैठा और कर को अन्दर किया. अभी तक राहुल को पूरी उम्मीद थी की अमित उसे अन्दर आने देगा. पर अमित ने तेज़ी से गेट बंद कर लिया. “सर सर प्लीज …...सर …..प्लीज…….गेट खोलिए सर…..” राहुल गेट पिटता रह गया….कुछ मिनट के बाद वो समझ गया की अमित अब गेट नहीं खोलेगा.. अब राहुल ने सड़क की और नज़र घुमाई. उसके लंड ने एक जोर का झटका मारा. वो एक सुनसान सड़क पर नंगा खडा था. अमित के घर के गेट के आस पास कोई छुपने की भी जगह नहीं थी. अचानक एक बाइक की आवाज़ सुने दी. राहुल के पसीने छुट गए. उसके पैरों से जमीन निकल गयी. अब क्या होगा..लोग उसको नंगा देखेनेगे. वो डर के मारे हिलने लगा..उसने दुबारा से गेट पीटना शुरू कर दिया…”सर प्लीज कोई आ रह है. प्लीज गेट खोलिए. आप जो कहेनेगे मैं करूंगा.पर प्लीज गेट खोलिए……” राहुल इस टाइम पागलो की तरह गेट पिट रहा था. बाइक की आवाज़ उसके कानो में साफ़ पास आती सुने दे रही थी. अमित ने पुरे तरह से लास्ट मोमेंट तक इंतज़ार किया. फिर अचानक गेट खोल दिया.राहुल बिजली की रफ़्तार से अन्दर आ गया और ज़मीन पर गिर गया. बाइक की आवाज़ एक दम पास आकर आगे निकल गयी. राहुल अभी भी ज़मीन पर पडा हुआ हांफ रहा था. उसने राहत की सांस ली की आज तो उसकी इज्जत बच गयी, पर पता नहीं कितने दिन बचेगी. अमित पीछे से आया और अपना जूता राहुल के मुह पर रख कर कहा “ इस बार तो बचा लिया अगली बार नहीं होगा ये. इसीलिए कहता हूँ वो करना है तुझे बिना किसी बहाने के….समझा…” राहुल ने धीरे से मुह हिलाया. अमित ने पैर हटा कर कहा “ ठीक है अब उठ सूअर की औलाद और गेट पर लॉक लगाकर अन्दर आ. अन्दर के डोर की चाबी ही इसी गुच्चे में है. अमित घर के डोर की और बड़ा और राहुल ने फ़टाफ़ट गेट लॉक किय और डोर की और बड़ा. उसने दो तीन ताली घबराते हुए ट्राई करी की कहीं इस बार भी देर न हो जाए. पर इस बार किस्मत ने साथ दिया और डोर खुल गया.
to be continued....
Please continue it
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