Tuesday, 8 August 2017

अपहरण - 7


मैंने जैसे तैसे करके अपनी जीभ निकाली और रॉकी का कीचड़ से लथपथ जूता चाटना शुरू किया. उसके जूतों की ग्नादगी मेरे मुह में जाते ही मुझे अजीब सा महसूस होने लगा. एक कुत्ता की तरह अपने मालिक का जूता चाटते हुए मैं सच में अपने को एक कुत्ते की तरह महसूस करने लगा. और से सोचते ही मेरे पुरे शरीर में एक उत्तेजना की लहर फैल गयी और मैं इसमें एक आन्नद का अनुभव करने लगा. मेरा पूरा ध्यान रॉकी के जूते को साफ़ करने में था और मैं कब अपने आप में पूरा उत्तेजित हो गया. मुझे अहसास होने लगा की मेरा लंड पुरे तनाव में था इस समय, मैंने दुसरे हाथ से अपने लंड को चुने लगा. तभी जोर से लकड़ी मेरी चुतड पर आकर लगी और मैं हलकी सी चीख निकली. “आःह्ह्ह…” मैंने एक सेकंड के लिए जूता चाटना छोड़ दिया और अपना मुह उठाया. पीछे से सैम ने मेरी चुतद पर डंडी मारी थी. जब मैंने उसकी और देखा. “हमखोर लंड नहीं छुएगा तू अपना हमसे पूछे बिना… समझा?” “जी….” मैंने फताफत जवाब दिया. वैसे मेरे लिए बहुत मुश्किल था अपने पत्थर जैसे सख्त और टपकते लंड को छोड़ना , पर उस डंडी के डर से मैंने उसे छोड़ दिया और रॉकी के जूते को चाटना में खो गया.  “ह्म्म्म साला बढ़िया कुत्ता मिला है अबकी बार. हरामखोर याद है वो पिचली बार क्या गांडू मिला था. कुछ नहीं कर पा रहा था. इस कुत्ते को अब आसानी से नहीं छोड़ेंगे.” रॉकी की ये बात सुन कर मेरा माथा ठनक गया. लंड ने एक और झटका मारा.  “ हाँ वो तो है. इस हरामी के पिल्लै को आसानी से नहीं छोड़ेंगे.” रोन बोला.  मैंने अचानक रॉकी के जूते चाटना छोड़ दिया और घबराहट में सोचने लगा की आगे मेरे साथ क्या क्या होगा. अचानक रॉकी ने मेरे बाल पकड़ लिए और बोला “सूअर के बच्चे तूने चाटना क्यों छोड़ दिया. चल अब मेरे जूते के सोले चाट नीचे से. “ मैंने जैसे ही नज़र रॉकी के जूतों के सोल पर घुमाई, मुझे घिन्न आने लगी वो पूरी तरह से कीचड़ से भरा था और बहुत गन्दगी थी. मैं एक मिनट के लिए रुका पर इतने में सैम ने जोर से एक डंडी मेरे चुतादो पर मारी. “आह्ह्ह…..” इस आवाज़ के साथ मैंने जल्दी जल्दी चाटना शुरू कर दिया. फिर एक एक करके मैंने सबके जूते चाते मेरा मुह पूरी मिटटी की कडवाहट से भर गया और मुझे उबकाई महसूस हो रही थी. पर मेरा खड़ा लंड मेरे दौड़ते हुए दिमाग ही अलग ही कहानी बयां कर रहा था. ये एक कुत्ते की तरह जूते चाटना और उसमे भी एक आनंद का अहसास मिलना एक अलग तरह का अनुभव था. मैंने इससे पहले कभी एक कुत्ते की तरह अपने आप को महसूस नहीं किया था. अब चार जवान लडको के सामने एक कुत्ते की तरह बैठना और एक कुत्ते की तरह उनके जूते चाटने में एक अजीब सी सेक्सुअल उत्तेजना मेरे को पागल कर रही थी. मेरे लंड और गांड के आसपास का हिससा पूरी तरह उत्तेजना में जल रहा था. इस सब में कम से 30-40 मिनट निकल गए. चारो अपनी बियर का मजा ले रहे थे और मेरे से अपने जूते चटवा रहे थे और मेरे नंगे बदन को देख रहे थे जो की जूते चाटते समय पूरा देख रहा था. मेरी गांड हवा में थी और वो सीन किसी के भी दिल को बहका सकता था. बीच बीच में उनमें से किसी न किसी का हाथ मेरे शरीर पर लगते ही मेरे शरीर में करेंट सा दौड़ जाता था. और मैं मदहोश हो रहा था उनके स्पर्श से. पर सबसे बड़ी मुश्किल थी की मैं अपने जलते ही लंड को हाथ नही लगा पा रहा था. जैसे ही मैं अपने हाथ से लंड को चुने की कोशिश करता एक डंडी मेरी चुतद पर जोर से पड़ती. पर उस डंडी खाने से मेरे शरीर की आग में और घी का काम कर रही थी. चार जवान लडको के सामने नंगे होना और कुत्ते की तरह व्यवहार करना एक नया पर बहुत बढ़िया एक्सपीरियंस था मेरे लिए.

2 comments:

  1. kash mere sath bhi aisa ho
    koi bnayega mujhe apna life time slave
    8858229266

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  2. Thanks for your wonderful appreciation. I will surely write more with this encouragement.

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