अब सुमित की पैंट उसके घुटने के पास थी और वो सिर्फ अंडरवियर में था. उस आदमी ने अपने हाथ को सुमित के लंड के ऊपर घुमाना शुरू कर दिया. पहले से ही हार्ड सुमित का लंड और उत्तेजित होने लगा. फिर उसने अपना हाथ सुमित के अंडरवियर में घुसाया और फिर से उंगलियाँ घुमाने लगा. “आआह्ह्ह…….ऊओह्ह्ह्ह…...उम्म्मम्म…… ऊऊऊऊ…..” सुमित की आहें तेज होने लगी. उस आदमी उंगलियाँ फिर से बहार आई और एक मिनट के बाद फिर से “चार्र्र्रर्र्र…….” की आवाज़ आई और सुमित को अहसास हुआ की उसका अंडरवियर किसी तेज चीज़ से फाड़ गिया गया है. अचानक ठंडी हवा ने उसकी बॉल्स को छुआ. अब घुटने पर लटकी हुई उसकी पैंट के अलवा उसके शरीर पर कुछ नहीं बचा. अब उस आदमी की उंगलियाँ सुमित की बॉल्स को सहलाने लगी. सुमित तो उत्तेजना ने पागल होने लगा….”नो…. प्लीज……..नहीं…….मुझे…..उम्म्मम्म…..मुझे…….आआह्ह्ह्ह…. …...मुझे जाने दो…… आआआ……” सुमित बुड्बुदाता रह गया. उसका दिमाग उसका साथ नहीं दे रहा था. वो अपनी बॉल्स की सरसराहट में पगला गया. “उम्म्म्म…..ऊह्ह्हह्ह……..आआह्ह्ह्ह……..”सुमित आहें भरने लगा.. उसके चुतद का हिस्सा जोर जोर से हिल रहा था. “प्लीज…….मुझे……..आआअह्ह्ह…...उम्म्मम्म……” सुमित अब बस बुड्बुदाता रह गया. वो आदमी अचानक फिर से उसको निप्पलों को चाटने लगा और साथ में हाथ से उसकी बॉल्स को सहलाने लगा...सुमित तो अब उत्तेजना की नै उंचाई पर पहुँच गया. “नहीं …..प्लीज…….ये मत करो…….आःह्ह्ह…….. उम्म्मम्म…...मैं इसे नहीं सह सकता…….आआह्ह्ह्ह……..प्लीज………” उसको बंद आखों में भी उसके खड़े लंड से बहता प्री कम महसूस हो रहा था. अचानक वो आदमी सुमित के लंड की और बडा और उसके लंड के सुपाडे को चाटने लगा. ये तो जैसे एक बिजली के करंट की तरह लगा सुमित को….कुछ देर.उसका अपनी जीभ से सहलाने के बाद उस आदमी ने सुमित के लंड का सुपाडा अपने मुह में लिया और चूसने लगा…सुमित की आहें तेज होने लगी. धीरे धीरे सुमित का पूरा लंड उसने अपने मुह में ले लिया और जोर जोर से चूसते हुए हिलाने लगा… पूरी तरह से बंधा हुआ सुमित, भूल गया की वो किस स्तिथि में है. उसने अपना मुह ऊपर करके आहें भरने लगा….वो पूरी तरह से कामाअग्नि में जल रहा था. वो जैसे किसी सांतवे आसमान पर था. उस आदमी की जुबान बीच बीच में सुमित की बॉल्स को चाट और चूस रही थी.इससे जैसे आग में घी ही तरह थी जिसने सुमित की आहों को बड़ा दिया. इस उत्तेजना की स्तिथि में उसकी आँखों से पानी बह रहा था. थोड़ी देर में सुमित को लगने लगा की वो झड़ने वाला है. उसका लंड पत्थर जैसे हो गया.. और उसकी अहेएं हलकी चीखों जैसे लगने लगी. उसकी तेज तेज आहों से उस आदमी को अंदाजा लग गया था की सुमित पूरी तरह से अंत की और है. उसके एक झटके में सुमित के लंड को चूसना छोड़ दिया. सुमित को ये किसी करंट से कम नहीं लगा.. वो इस स्तिथि में पहुँच कर झाड़ना चाहता था. वो अचानक अपने होश में आया. पर कुछ न देख पाने के स्तिथि से वो मजबूर था और कुछ बोलने से झिझक रहा था. उस आदमी ने सुमित के सुपाडे को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया और सुमित के लंड की सख्ती में थोडी सी कमी आई. अब उस आदमी में फिर से किसी चाक़ू जैसी तेज़ चीज़ से उसकी पैंट को फाड़ना शुरु कर दिया. सुमित घबरा गया. “नहीं….प्लीज….. मुझे छोड़ दो…. तुमको क्या चाहिए…...प्लीज……..नहीं… मेरी पैंट मत फाड़ो.” पर उस आदमी पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उसने झटके के साथ उसकी पैंट को रस्सियों के बीच में से निकाला. अब सुमित का पूरा शरीर नंगा हो गया था. तहखाने की ठंडक और एक अनजान आदमी के सामने नंगा होने का डर, उसके शरीर पर रोंगटे खड़े कर रहा था. वो अपने को छुडाने की नाकाम कोशिश करने लगा.
अचानक सुमित को अहसास हुआ की वो आदमी उसके पैरो की लकड़ी में लगी रस्सी को खोल रहा है. उसे खोलने के बाद वो आदमी ऊपर की तरफ आया और सुमित के हाथों की रस्सी जो उसे खम्भे से बाँध रही थी, को खोला, पर अभी भी उसके हाथ उसके पीछे बंधे थे और और पैर एक मोटी लकड़ी से बंधे थे. अचानक सुमित ने भागने की कोशिश करी पर वो गिर गया क्युकी उसके पैर अभी भी लकड़ी से बंधे थे. उसकी बंद आखें उसकी मजबूरी को और बड़ा रही थी. उसने खड़े होने की कोशिश करी पर बंधे हुए हाथों से खड़ा होना आसान नहीं था. अचानक उस आदमी से सुमित के बाल पकड़ कर उसको खड़ा करने की कोशिश करी. सुमित कुछ लडखडाते हुए खड़ा हुआ और उस आदमी ने सुमित को बालो से पकड़ कर ही आगे खींचने की कोशिश करी. सुमित बंधे पैरों से नहीं चल पाया और गिर गया. “हरामी के पिल्लै, तू ऐसे नहीं मानेगा…”. सुमित ने जूतों की आवाज़ अपने से दूर जाते हुए सुनी, फिर एक अल्मारी खुलने की आवाज़ आई और फिर से वो जूतों की आवाज़ उसके पास आई. अचानक कोई बेल्ट जैसी चमड़े की चीज उसके चुतद पर जोर से पड़ी और वो चीक पडा….. “आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…. …….. …..” इससे पहले वो कुछ समझ पाटा, एक बार और जोर से बेल्ट उसकी चुतड पर पड़ी. “अआह्हह….” सुमित चीख पडा. सुमित करवटे बदलने की कोशिश करके अपने को बचाने लगा. पर बंधे हुए पैर और हाथ उसको ऐसा नहीं करने दे रहे थे. अचानक उस आदमी ने एक पैर को सुमित की पीठ पर रखा और उसको जोर से दबाया. वो दबाव इतना ज्यादा था की सुमित करवटे नहीं बदल पा रहा था. उस आदमी ने अब बेल्ट की मार तेज कर दी.
तड़ाक……….तड़ाक……..तड़ाक…….सुमित की चीखें भी तेज हो गयी. ये बेल्ट सिर्फ उसकी चुताडो और उसके नीचे के हिस्से पर पद रही थी. उसकी चुतड में आग लगने लगी और ये आग धीरे धीरे उसकी उत्तेजना में बदलने लगी. एक अनजाने के आदमी की टांगो के नीचे मार खाना सुमित के मन के excitement को बड़ा रही थी. “आःह्ह्ह…...नो…….प्लीज…...लीव मी…….आआह्ह्ह्ह…….छोड़ दो मुझे…….आआह्ह…..नहीं…. …. ….” सुमित चीखता रहा. कुछ देर बाद वो आदमी रुका और सुमित को उसके बालो से उठाया. सुमित लडखडाता हुए अपने घुटने पर खड़ा हो गया. उस आदमी में सुमित का मुह अपने लंड में घुसा दिया. पहली बार सुमित को अहसास हुआ की वो आदमी भी नंगा था. ये सोच कर की वो एक और नंगा आदमी के सामने इस तरह पडा है, उसका दिमाग दौड़ने लगा की कौन है जो उसको इस तरह से इस्तेमाल कर रहा है. वो भी एक नंगा आदमी. खैर उस आदमी ने जोर जोर से सुमित के सर को अपने खड़े लंड पर घुमाना शुरू कर दिया. “म्मम्म…..म्मम्मम…..”सुमित बुड्बुदाता रह गया. कई बार उस आदमी में सुमित को चोक भी किया. सुमित को ऐसे लगा की वो उलटी कर देगा….पर उस आदमी की पकड़ इतनी मजबूत थी की वो बंधे हाथों और पैरं से कुछ नहीं कर पा रहा था और पूरी तरह से उस आदमी की क्रूरता को सहन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. “सूअर की औलाद…. दांत नहीं लगने चाहिए मेरे लंड पर. “उस आदमी की फिर से आवाज़ आई पर उसके बाद उसने जोर से एक तमाचा भी सुमित के मुह पर जड़ दिया. थोड़ी देर में उस आदमी की हलकी हलकी आहें सुमित के कानों में पड़ने लगी. अमित के मुह में भी उसके लंड का प्रिकम घुल रहा था. पहली बार सुमित ने किसी आदमी का लंड अपने मुह में लिया था और वो भी एक अनजान आदमी का जो उसको पूरी तरह से अपनि हैवानियत का शिकार बना रहा था. पर सुमित को इस सब में भी एक अजीब सा मजा आ रहा था. बंधे हुए हाथ पर और आखें और एक अनजान आदमी की लंड चुसाई एक अजीब सी सरसराहट भर रही थी उसके शरीर में.
mast hai
ReplyDeleteEnglish mein translate kr dou
ReplyDeleteI will surely do.
DeleteMast
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