अचानक उस आदमी ने उसको बालों से खींचते हुए नीचे गिरा दिया. सुमित सन्न रह गया. पर उस आदमी के लिए वो किसी बेकार की चीज़ से ज्यादा कुछ नहीं था. और पूरी तरह से सुमित उस आदमी के रहमो करम पर निर्भर था. उस आदमी के कदम थोडा दूर गए और फिर किसी टेबल जैसी चीज़ को हिलाने की आवाज़ आई. सुमित के मन में कुछ कुछ अजीब से विचार आने लगा. उसे नहीं पता था की वो आदमी उसके साथ क्या करने वाला है. इस अनिश्चितता में अजीब सी तनाव था. जो उसके बॉल्स में सरसराहट पैदा कर रहा था. उसकी बॉल्स की खाल ऊपर नीचे हिल रही थी और उसके लंड को भी उत्तेजित कर रही थी. उस आदमी के कदम फिर से उसके पास आये और उसको बालों से पकड़ कर वो आदमी बोला.”खड़ा हो बहनचोद….अब आएगा असली मजा….” सुमित लडखडाता हुआ बड़ी मुश्किल से बंधे हाथो और पैरों से खड़ा हुआ. वो आदमी जोर से सुमित को खींचने लगा, पर सुमित के लिए बंधे पैरों से ज्यादा चलना मुश्किल था. वो बार बार गिर रहा था. पर उस आदमी को कोई परवाह नहीं थी वो सुमित को खींचता रहा. और सुमित दर्द में चीखता रहा. “आःह…...मुम्म्म्म…...आआअह्ह…..प्लीज…...नो…. “अचानक सुमित को लगा की वो एक टेबल जैसी किसी लकड़ी की चीज़ से टकराया. उस आदमी ने सुमित को जोर से धक्का देकर उस टेबल पर डाल दिया जैसे किसी बेकार के कूड़े को कूड़ेदान में डाला जाता है और उसने सुमित को सीधा किया. सुमित के हाथ उसकी पीठ पर बंधे होने के कारण उसको जोर से दर्द हुआ. पर उस आदमी ने इसकी कोई परवाह नहीं की. अब सुमित अपनी पीठ के बल टेबल पर पडा था. सुमित की टांगो को उस आदमी ने ऊपर हवा में किया और ऊपर किसी लटकती हुई रस्सी से बाँध दिया. उस आदमी ने दो तीन बार चेक करके देखा और सुमित की टांगो को पूरी तरह से बाँध दिया. अब सुमित नंगा होकर एक टेबल पर बंधा था और उसकी टांगें ऊपर की तरफ किसी चीज़ से बंधी थी. उसकी गांड टेबल के कोने पर होने के कारण किसी भी चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार थी. सुमित के दिल की धड़कन और बड गयी और वो घबराहट में अपने को छुडाने की कोशिश करने लगा. “ऊम्म्म्म…..आःह्ह्ह…...छोड़ो मुझे…….प्लीज……. आह्ह्ह्ह…..छोड़ो मुझे…..” पर उस आदमी पर इसका कोई फरक नहीं पद रहा था. इतन्ने में वो आदमी सुमित के मुह की तरफ आया तो टेबल के दूसरी और था. उसने सुमित को टेड़ा किया और हाथ खोलने लगा. सुमित को इससे अस्चर्या हुआ. वो दो मिनट के लिए रूक गया. उसने सुमित के हाथ खोले और सुमित झटके से अपने हाथ छुडाने लगा. उसने सोचा की येही मौका है अपने आप को छुडाने का. पर वो आदमी बहुत ताकतवर था और सुमित के पैर हवा में बंधे होने के कारन वो ज्यादा कुछ नहीं कर सका. उस आदमी ने झटके से सुमित के हाथों को पकड़ा और उसके मुह के पास से लेकर नीचे बाँध दिया. अब सुमित पर पूरी तरह से टेबल पर पडा था. उसके हाथ उसके मुह के पास से जाकर आगे की और टेबल के पैरों से बंधे थे और उसके पैर हवा में बंधे थे. उसकी गांड टेबल के कोने की तरफ थी और उसका सर हवा में लटक रहा था नीचे की और. उस आदमी ने पास में से कुछ उठाया और जोर से सुमित की छाती पर मारा. सुमित दर्द से चिकने लड़ा. वो एक flogger था. उस आदमी ने जोर जोर से कई बार flogger सुमित की छाती पर मारा. “आःह्ह्ह……...अआह्हह…..उम्म्म्मम्म…… नहीं…...प्लीज……..” सुमित चिलाने लगा. पर वो आदमी रुका नहीं. कम से कम पांच मिनट तक सुमित की छाती उस flogger की मार झेलती रही. सुमित अपने आप की बचाने के लिए करवाते बदलने की कोशिश करता रहा पर बंधे हुए पैर और हाथ उसको ज्यादा कुछ नहीं करने दे रहे थे. उसकी चीखें अब रोने में बदल चुकी थी, पर उसकी गांड में एक आग भी लग रही थी इस flogger की पिटाई से,जो सुमित की समझ से बाहर थी. वो इस पिटाई से अपने लंड में भरते हुए खून और गांड में लगती हुई आग को समझ नहीं पा रहा था. उसका मन इसी वजह से दर्द को भी महसूस नहीं कर रहा था बल्कि एक अजीब से मजे ले रहा था. थोड़ी देर के बाद वो आदमी रुका. सुमित की आखों पर बंधा कपडा आंसुओं से गिला हो चूका था. वो आदमी अब पीछे की तरफ गया और इस बार उसकी चुतद पर flogger की मार की बरसात करने लगा. सुमित दुबारा से चीखने लगा. “आआआआआआआआआआअ…….ऊऊऊऊईईईईइमा …..ओह्ह्ह्हह……” पर अब उसकी गांड में लगी आग और excitement में भर गयी. दो तीन मिनट में उसकी चीखें आहों में बदलने लगी. उसको चूतड हवा में उठाने लगी. वो आदमी अब रुका और और flogger के नीचे गिराने की आवाज़ आई. इतने में उस आदमी की दो उंगलियाँ सुमित की गांड में घुसी और घुमाने लगी. सुमित को महसूस हुआ की उन उँगलियों में कुछ चिकनाई है. शायद वो उसको गांड को lubricate कर रहा था. सुमित का दिमाग फटने लगा की ये आदमी उसको छोड़ने वाला है. “नहीं…...प्लीज मुझे छोड़ दो…..आह्ह्हह्ह….” उसकी गांड में एक अनजान आदमी की घुमती उंगलियाँ उसको पागल कर रही थी. वो जो बहार से कह रहा था, अन्दर से नहीं चाहता था. “ प्लीज मुझे छोड़ दो…….” उस आदमी से अपनी उंगलियाँ निकाली और दुबारा डाली कुछ सेकंदा के बाद. सुमित उँगलियों की चिकनाई को महसूस कर पा रह था. उसको समझ आ गया था की आगे क्या आने वाला है. वो दुगने आवाज़ में चीखने लगा.”नहीं…….ओह…...नहीं छोड़ो मुझे…….” उसने जोर जोर से अपने को छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगा. “तू ऐसे नहीं मानेगा…...तेरी बोलती बंद करने के लिए कुछ करना पड़ेगा….” वो आदमी फिर से थोडा दूर गया और लौट कर आया. और …..तड़ाक…...जोत से एक cane जैसी चीज़ उसकी चुतड पर पड़ी…..”आआह्ह्ह…….” सुमित दर्द में चीख पडा. उस आदमी ने cane की मार जारी राखी और सुमित चीखता रहा. कम से कम पांच मिनट सुमित की गांड सेंकने के बाद वो आदमी रुका. पर रुकते ही उस आदमी ने सुमित की बंधी हुई टांगों को जोर से पकड़ लिया और अपना मोटा लंड सुमित की गांड में झटके से घुसा दिया. सुमित दर्द से चीखा. ज़िन्दगी में पहली बार किसी ने अपना लंड उसकी गांड में घुसाया था. “आआआआआआआआ……….ऊऊऊऊ……..आअह्ह्ह्ह……” सुमित दर्द में पागल हो गया. ये दर्द असहनीय था. पर उस आदमी ने सुमित को कोई मौका नहीं दिया. और अपना लंड उसकी गांड में आगे पीछे घुमाना शुरू कर दिया. सुमित चीखता रहा. पर एक दो मिनट के बाद सुमित को अपने गांड में अजीब सी उत्तेजना होने लगी, धीरे धीरे उसका दर्द एक अजीब से excitement में बदल गया. उसे इसमें मजा आने लगा. उसका अपना लंड जो थोड़ी देर पहले दर्द में बैठ गया था, फिर से खड़ा होने लगा. उस आदमी के हर लंड के झटके के साथ सुमित चीख रहा था. पर उसकी चीखों में अब आहें भी भरी थी. उस आदमी में सुमित के खड़े लंड को पकड़ा और हिलाने लगा. अब सुमित को दुगना मजा आने लगा. उसकी गांड पहले से ही कामाग्नि में जल रही थी, अब उस आदमी के लंड हिलाने से वो डबल मजा लेने लगा. वो ऊपर से बेशक चीख रहा था पर अन्दर से वो चाहता था की आदमी उसे और जोर से चोदे. उसका डर कामाग्नि में घुल कर गायब हो गया. धीरे धीरे उस आदमी का लंड और हार्ड होने लगा और सुमित का अपना लंड भी. उस आदमी ने सुमित की गांड पेलनी जारी राखी पर लंड छोड़ दिया. सुमित की गांड में लंड के झटके के साथ उसकी उत्तेजना बदती जा रही थी. “आआह्ह्ह…...उम्म्म्म…..” उसकी आहें अब तेज़ होती जा रही. हर लंड के झटका उसकी गांड में एक ऐसे पॉइंट को छू रहा था जो उसकी कामाग्नि को बड़ा रहा था. धीरे धीरे उस आदमी की भी आवाज़ आहों में बदलने लगी. सुमित की आहें उस आदमी की आहों में मिलने लगी. सुमित को लगा की वो आदमी झड़ने वाला है और उस आदमी की आहें भी कुछ ऐसा ही बयां कर रही थी. अचानक उस आदमी की झटके बहुत तेज़ हो गए और सुमित को पता चला की उस आदमी का लंड की लोहे की रोड जैसा हार्ड हो गया. सुमित उसकी आहो और अपनी गांड में झाड़ते गरम पानी से समझ गया की उस आदमी का लंड झड गया. लगभग उसी समय सुमित का लंड भी जोर जोर से झटके मारने लगा और चीकों के साथ सुमित ने भी पानी छोड़ा. कुछ सेकंड के बाद सुमित अपने होश में आया. उस आदमी का लंड भी अब सॉफ्ट हो गया था. उस आदमी ने सुमित के पेट पर से उसका झाडा हुआ पानी उँगलियों से उठा कर उसके मुह में लगा दिया. सुमित अपने ही पानी की नमकीनी को अपने मुह में महसूस कर रहा था. सुमित को उस आदमी का पानी अपनी गांड से नीचे बहता महसूस हो रहा था. ये उसकी ज़िन्दगी की पहली पर सबसे मजेदार चुदाई थी. बंधे ही आखों और हाथो पैरों से एक अनजान आदमी से अपनी गांड की सील तुडवाना किसी बड़े एडवेंचर से कम नहीं था. पर अब होश में आने के बाद वो जानना चाहता था की वो आदमी कौन है और क्या चाहता है. “तू जानना चाहता है न की मैं कौन हु……” उस जानी पहचानी आवाज़ ने पूछा. “हाँ.” सुमित का जवाब था. उस आदमी ने पहले सुमित के पैर खोले, और हाथ की रस्सी जो टेबल से बंधी थी. उसको खोला और टेबल पर बैठाया और अपने होठ सुमित के होठो पर लपेट दिये और चूसने लगा. सुमित को भी मजा आ रहा था. पर ये सस्पेंस उसको पागल कर रहा था. उस आदमी ने फिर सुमित के हाथ खोले. “ चल अब अपने हाथो से अपनी पट्टी खोल.”
सुमित ने डरते डरते अपनी आँख की पट्टी खोली. पर उसकी आखें रौशनी से चुन्धिया गयी. कुभ सेकंड तक पलको को झपकने के बाद, उसे धुंधला धुंधला एक नंगा आदमी अपने सामने दिखाई दिया. धीरे धीरे उसने अपनी आखों को उसके चेहरे पर गडाया. धीरे धीरे वो चेहरा उसको दिखाई देने लगा. उसकी दिल की धड़कन रुकी की रुकी रह गयी जब उसने अपने सामने रोहन को पाया. वो कुछ सेकंड तक सन्न रह गया. रोहन उसका सबसे पक्का दोस्त था. रोहन छह महीने पहले दिल्ली गया था नौकरी के लिए. सुमित और रोहन ने 4 साल इंजीनियरिंग एक साथ करी थी. पर जब रोहन नौकरी के लिए दिल्ली गया तो सुमित को अहसास हुआ की वो रोहन को चाहता है. और झिझकते हुए सुमित ने अपने दिल की बात उसको बतायी फोन पर दो महीने पहले.. पर रोहन ने सुमित को डांट दिया और उसको ऐसा न सोचने के लिए कहा. उसके बाद रोहन से सुमित का फोन नहीं उठाया और उससे बात भी नहीं की. पर सुमित मन ही मन रोहन के प्यार में पागल था. सुमित को लगा की रोहन को उसकी बात बुरी लगी है और वो उससे कोई सम्बन्ध नहीं रखना चाहता. बहुत तरी करने के बाद और मेसेज भेजने के बाद भी रोहन का कोई जवाब नहीं आया. पर इस तरह अचानक उसको अपने सामने पाकर सुमित समझ नहीं पा रह था. कुछ मिनट तक रोहन के मुस्कुराते हुए चहरे को देखने के बाद सुमित उठा और उससे लिपट गया और फफक फफक कर रोने लगा. रोहन और सुमित के नंगे बदन एक दुसरे से लिपटे थे. दोनों एक दूसरे के होठों को चूमने लगे.
कुछ देर के बाद दोनों होश में आये और सुमित ने रोहन से पुछा की “ये सब क्या था. रोहन ”
“मैं तुम्हे सरप्राइज देना चाहता था. इसीलिए मैंने ऐसा किया.” रोहन ने जवाब दिया,
“ये कैसा सरप्राइज.”
“मुझे पता था जाने से पहले की तुम मुझे चाहते हो. सच तो यह है की मैं भी तुम्हे बहुत चाहता था शुरू से, पर कभी कह नहीं पाया. इतना ही नहीं मुझे ये भी पता था की तुम BDSM पोर्न देखते हो. हालांकि तुमने मुझे कभी नहीं बताया पर मैंने तुम्हारे लैपटॉप में ये सब देखा था जब तुम रूम पर नहीं थे. . जब तुमने अपने दिल का इजहार मुझसे किया मेरे दिल्ली जाने के बाद, तो मैंने तुम्हे झिड़क दिया ताकि तुम्हे इस बात का अहसास भी न हो की मैं भी तुम्हे चाहता हूँ और इतना ही नहीं मुझे भी BDSM पसंद है. और तभी मैंने ये सब प्लान किया, उस शिशिर, जो मेरा बचपन का दोस्त है, उसके साथ मिल कर तुम्हारे ड्रिंक्स में नशे की दवाई मिलाई फिर तुम्हे इस तहखाने में ले आया. ये तहखाना भी शिशिर का है.”
सुमित की आखें फटी की फटी रह गयी की रोहन ने किस सफाई से सारा प्लान बनाया और उसको ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सेक्सुअल एक्सपीरियंस दिया. सुमित फिर से रोहन से लिपट गया और बोला.
“थैंक यू रोहन मुझे इस तहखाने में लाने के लिए. ये तहखाना मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात के रूप में मुझे याद रहेगा. थैंक यू माय लव….”
इतना कहकर दोनों फिर से एक दुसरे के होठों को चूमने लगे और दो नंगे बदन एक दुसरे के आगोश में मदहोश थे.
The end.
very beautiful bdsm love story!
ReplyDelete-ajay
Thanks Ajay. I am glad you liked it.
ReplyDeleteAwesome I too wish to had such fuccking
ReplyDeleteThanks.. I am glad you liked story.
DeleteOsm story ����
ReplyDeleteAniket