Monday, 31 July 2017

अपहरण – 4


इतने में सैम ने मुझे मेरे बालों से ही खींचा और सामने पड़े Dinning Table पर धक्का देकर लेता दिया. “आआअ........ऊऊऊऊउ....आआह्ह्ह्ह...” मैं बस बिलबिलाता ही रह गया. मेरे हाथ अभी भी मेरे पीछे बंधे थे. उसने मुझे Dinning table पर धक्का देकर लेटा दिया.... और अपनी जीन्स से चमड़े की बैल्ट उतारी और उसको आधा करके कोनों से पकड़ लिया. इतने में टोनी ने मेरे हाथों से हथकड़ी खोल दी. मैंने घबराहट से फटी हुई आखों से उसकी और देखा... “नहीं....प्लीज......” मैं समझ गया था की वो अब मेरी बैल्ट से पिटाई करने वाला है. उसने मेरी टांगों को अपने पैरों से चौड़ा किया. मैंने विरोध करने की कोशिश की. अब मेरे खुले हाथों से अपने आप को ऊपर उठाने की कोशिश करी. पर इतने में रॉकी, टोनी और रौन तीनो आ गये और मुझे अलग अलग जगहों से पकड़ लिया. रॉकी और टोनी ने दोनों तरफ से मेरे हाथों को पकड़ लिया और रों टेबल के ऊपर चढ़ कर मेरी पीठ पर बैठ गया. उसका वजन आराम से ८०-८५ किलो तो होगा. मेरा अचानक दम सा घुटने लगा. “प्लीज..........प्लीज .....आअह्ह्ह्ह...प्लीज मुझे छोड़ दो....आआह्ह्ह्ह...” अब मैं पूरी तरह से उनके कण्ट्रोल में था. मेरे चीखने का किसी पर कोई असर नहीं था. सैम ने जोर से बैल्ट हवा में घुमाई और मेरे कानों में बैल्ट घुमाने की आवाज़ जोर से गूंजी. और सीधी बैल्ट मेरे चूतड़ पर लगी. “तड़ाक.....................” “आआअह्ह्ह्हाअ....आआह्ह्ह्ह” मैं जोर से चीखा और अपने शारीर को जोर से हिलाकर अपने को बचाने की कोशिश करी. पर पूरी तरह असहाय था. मैं अपने हाथों को छुटाकार अपनी चुतड को सहलाना चाहता था. पर मेरी कोशिश पूरी तरह बेकार थी. तीन लोगों ने मेरी बॉडी को पूरी तरह से जकड रखा था. “आआह्ह्ह्हाअ” मैं बस बिलबिलाता ही रह गया. “प्लीज मुझे छोड़ दो.....आआह्ह्ह.....प्लीज” सैम ने इतने में दूसरी बार बैल्ट हवा में घुमाई.
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज मुझ पर रहम खाइए प्लीज.....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज मुझे छोड़ दो......”
मैं जोर जोर से अपनी टांगों को हिला रहा था. मैं ये कोशिश कर रहा था की रौन को अपने शरिर से हटा दूं पर उसका भार इतना ज्यादा था की मैं उसे हिला भी नहीं पा रहा था. बस अपनी टांगों और चुतड को जोर जोर से हिला पा रहा था. इसी बीच एक और बैल्ट मेरी नंगी और गरम चुतड पर पड़ी.
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. ऊओह्ह्ह्ह....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज.....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. नहीं..........”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. ओह्ह्ह...... प्लीज.....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज मुझ पर रहम खाइए प्लीज.....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज मुझे छोड़ दीजिये.....”
पर इतने बैल्ट खाने के बाद मेरी चुतड में आग गयी थी....पर उस आग में भी मेरी गांड में एक अजीब सी उत्तेजना थी. मेरी खाल पूरी तरह से गरम थी और मुझे उसमे एक अजीब सा आनंद आ रहा था. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था. और टपक रहा था. ये मुझे क्या हो रहा था. क्यों मैं चार मर्दों की इस जबरदस्ती से पैदा ही डर में अजीब सी तडपन महसूस कर रहा था. मुझे इस दर्द में ये अजीब सा आनंद क्यों आ रहा था. मेरी आखें जो दर्द से रो रही थी पर साथ ही साथ टोनी और रॉकी के शारीर को भी देखना चाह रही थी. ये डर और उत्तेजना से भरी स्तिथि मेरे शरीर में एक अजीब सी कम्पन दे रही थी. खास तौर से मेरे लुंड और चुतड में. मैं दर्द में चीख रहा था पर ये भी सोच रहा था की वो और मारे. इतने में सैम रूका और उसने मेरी आग से जलती हुई चुतड पर अपने नरम नरम हाथ फेरने शुरू कर दिया... पहले जोर से दर्द हुआ पर धीरे धीरे ये दर्द के अजीब सिसर्सरी में बदल गया. और मुझे पता ही नहीं चला की मैं कब आहें भरने लगा. “आःह्ह....आहा....आआ....” ये आहें दर्द के साथ उत्तेजना का अजीब सा मिश्रण था. “आह.......ओह.....आः.....” इन्ते में सैम ने फिर से बैल्ट हवा में घुमाई और मेरी नंगी लाल जलती हुई चुतड पर जोर से दे मारी.
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. ऊओह्ह्ह्ह....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. प्लीज.....”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. नहीं..........”
“तडाक................”...........”आआआअह्ह्ह्ह..............आआह्ह्ह्ह.............. ओह्ह्ह...... प्लीज.....”
सैम अचानक फिर रूका. और इसबार उसकी उंगलियाँ मेरी लटकी हुई balls पर घुमाने लगी. इस बार मैं पागल हो गया... उसने फिर अपनी उँगलियों को balls और गांड के बीच की खाल में घुमाया. “आआह्ह्ह्ह...................नो.......प्लीज................आः....” मैं तो बस चीखने ही लगा. ये मेरे शारीर का सबसे sensitive जगह है. उसकी उंगलियाँ के घुमाव से मेरा वो पूरा हिस्सा काम की आग में जलने लगा. “आअह्ह्ह्ह.........ऊऊऊऊऊ...................आः......आआआअ........ऊह्ह्हह्ह...............प्लीज.

अपहरण – 3


अचानक मेरी नज़र टोनी पर गयी और वो अपना लंड दबा रहा था पैंट में. मैं घबरा गया. टोनी धीरे से आगे बड़ा और उसने मेरे balls को सहलाना शुरू कर दिया. उसके हाथ लगाते ही मैं उत्तेजना में भर गया. मेरा लंड जो पहले से खड़ा था वो झटके मारने लगा. और बंद मुह में मैं आहें भरने लगा. “देख साला कैसे मजे ले रहा है” ये सुनते ही मैं दुबारा होश में आया. “अबे इस गांडू का मुह तो खोल. ताके मजा आये कुछ” सैम पीछे से बोला. टोनी ने मेरे मुह से टेप हटाई. “अआहा..” एक सेक के लिए मेरे मुह से आह निकली. मुह खुलते ही मैंने फिर से भीख मांगनी शुर कर दी. “सर प्लीज मुझे छोड़ दीजिये................. मैं आपसे भीख मांगता हूँ. मुझे छोड़ दीजिये प्लीज.......” मैंने एक एक करके सबकी और देखा. सबके मुह पर एक मुस्कराहट सी आ गयी जैसे वो इसी चीज का इंतज़ार कर रहे थे. “ ह्म्म्म... अब आया न मजा” रॉकी बोला. “साला जब तक शिकार भीख न मांगे क्या मजा है. हा हा हा हा” इतना सुनकर चरों हंसने लगे... उनकी हंसी से मेरी इज्ज़त और गिर गयी ऐसा मुझे लगा. सैम तभी मेरी और बड़ा और उसने मुझे बालों से पकड़ कर मेरा सर थोडा ऊँचा किया और मेरे मुह पर थूका... “बहनचोद... तुझे क्या लगता की तेरे ऐसे कहने से हम तुझे छोड़ देंगे...कभी नहीं. अगर तूने ज्यादा शोर मचाया तो............. “इतना कहकर सैम ने अपनी जेब में से एक रामपुरी चाक़ू निकाला...और मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर उस पर रखा दिया....” ये तेरा लंड काट कर कुत्तो को खिला दूंगा......” “आआह्ह्ह......” मेरे मुह से चीख निकली क्यूंकि मुझे लगा की सैम मेरा लंड काट देगा. चाक़ू की धार की चुभन मैं अपने लंड पर महसूस कर रहा था... मैंने घबराहट में कुछ नहीं बोला. बस जोर जोर से सांस लेने लगा.. मेरा सांस ऊपर का ऊपर और नीचे का नीचे रह गया. मैंने बंद मुह से सिर्फ गर्दन हिलाई और आखो को मींच कर रखा. कुछ सेकंड के बाद सैम ने चाकू मेरे गांड से हटा लिया... मैंने आख खोली तो देखा की वो चाकू अन्दर रख रहा था. “अब समझ गया न गांडू. तेरे को एक मिनट में छक्का बनाकर बाहर फेंक देंगे हम अगर शोर मचाया तो” सैम फिर से ऊंची आवाज़ में बोला. “जी..” मैंने घबराते हुए जवाब दिया

to be continued....

एक अजीब सा सपना आया मुझे


“इशांत  इधर आओ…..” मैथ्स टीचर के मुह से अपना नाम सुनकर मेरा दिल धाक से बैठ गया. इस बार फिर मैं फेल हो गया क्या. पिछले तीन सालों से मैं एक ही क्लास में था. और मैं चाह कर भी दसवी क्लास पास नहीं कर पाया था. मेरी उम्र अपनी क्लास के बच्चों से तीन साल ज्यादा थी क्युकी ये पहली बार नहीं था की मैं फेल हुआ था. मेरी दाढ़ी मूछे सब थी जब की मेरे साथ के बच्चों की अभी ठीक से नहीं आई थी. मेरी हाइट भी क्लास में सबसे ज्यादा थी. मेरे माँ बाप की जिद थी की मैं दसवी पास करूँ. “इशांत  तुम्हे सुनाई नहीं दिया…..” मैं फिर से अपनी जगह पर हिल गया. “जी……” मैंने डरते डरते जवाब दिया…. मैं टीचर की सीट के पास पहुंचा ही था. वो तेजी से खड़ा हुआ और उसने मेरे कान पकड़ लिए….” तुझे शर्म नहीं आती की तीन साल से एक ही क्लास में है तू पर अभी भी पास नहीं हो पाता क्लास टेस्ट में तू.” मैथ्स सर अचानक तुम्हे से तुझे पर आ गए थे. “बोल तेरे साथ क्या किया जाए की तू पढाई करे और इस क्लास से दफा हो जाए.” मैथ्स सर मेरा सर कान पकड़ पकड़ कर लहरा रहे थे.
“हा हा हाहाह हा हा हा…...पूरी क्लास जोर जोर से हंस रही थी….”
“बोल जल्दी क्या किया जाये तेरे साथ…” सर फिर से बोले मेरा कान खींचते खींचते ….मैं चुप रहा पर मेरे बॉल्स में कुछ सनसनी शुरू हो गयी इस बेइजत्ती से और सर का पूरी क्लास के सामने मेरे कान खींचने से.
“ठीक है आज क्लास तै करेगी की तुझे क्या सजा मिले….क्युन्कि मैं तो तुझे सज़ा दे दे कर थक चूका हूँ……..क्लास आज तुम लोग सोचो की इसके साथ क्या करना है. ……” ये सुनते ही मेरे शरीर में एक अजीब सी सरसराहट दौड़ गयी और मैं अपने लुंड में खून का भराव महसूस करने लगा…
क्लास से अजीब अजीब सी आवाजें आने लगी….पर एक आवाज़ जो सबसे अलग और ऊँची थी और मेरे कानो से टकराई थी. “सर इसे नंगा करके अपनी टेबल पर मुर्गा बनाएइये और पूरी क्लास इसकी चुतड पर स्केल से पिटाई करे,...” वो आवाज़ क्लास मॉनिटर अमित की थी. अचानक बाकी आवाजें बंद हो गयी और अमित की आवाज़ ही सुने दे रही थी. “ठीक है…...आज ये ही सज़ा मिलेगी इशांत को…..” सर ने अपना फैसला सुनाया.
“अमित और सुशांत तुम दोनों आगे आओ और इशांत के कपडे उतारो पूरी क्लास के सामने. और मेरी तरफ से पूरी आजादी है तुम्हे…” सर ने फरमान सुनाया. इतना सुनते ही अमित और सुशांत दोनों फ़टाफ़ट भागते हुए मेरी तरफ आये और अचानक मेरे कपड़ो पर धावा बोल दिया. मैंने पूरी तरह से अपना बचाव करने की कोशिश करी. पर उन दोनों की ताकत के आगे मैं हारने लगा. एक एक करके मेरी टाई, फिर शर्ट, फिर बनियन, और फिर पैंट उनदोनो ने उतर दी. “ रुको एक मिनट……” सर ने बीच में उन दोनों को रोक दिया… वो दोनों पीछे हट गए. सर ने आगे बढकर मेरा कान फिर से पकड़ कर हवा में मेरा सिर लहराया. “ शर्म आ रही है थोड़ी के नहीं तुझे…..” मैं अचानक रोने लगा और बोला..” सर प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये आगे से ऐसा नहीं होगा.. मैं अच्छे मार्क्स लाकर दिकाऊंगा. प्लीज सर…..” सर हंसाने लगे…” जो तीन साल में न हो सका वो अब क्या होगा…” “ सर प्लीज मैं आपसे भीख मांगता हूँ…..” मेरा मुह शर्म से लाल था और मेरा लुंड मेरे अंडरवियर में पुरे पत्थर की तरह खड़ा था और प्रीकम टपक रहा था. वैसे तीन साल से एक ही क्लास में रहते रहते मुझे बेइज्जती की आदत पड़ गयी थी पर ये तू कुछ ज्यादा ही हो गया था. मैं अपनी पूरी क्लास के सामने लगभग नंगा खड़ा था. पूरी क्लास के लडको की नज़र मेरी बॉडी पर थी. मेरा दिल राजधानी एक्सप्रेस की रफ़्तार से धड़क रह था. और मेरा चेहरा सेब की तरह लाल हो गया था शर्म से. “क्लास तुम्हे क्या लगता है ये काफी है इसको सज़ा देने के लिए….” सर ने क्लास की तरफ देख कर पुछा. “नहीं….नहीं ….नहीं…..” पूरी क्लास एक साथ बोली….सर ने फिर मेरी तरफ देखा…” आज तेरा दिन अच्छा नहीं है. उन्होंने मेरा कान छोड़ा और अमित की तरफ देख कर कहा……” इसे पूरा नंगा करो, ये ऐसे ही सुधरेगा…”
“नहीं सर प्लीज… ऐसा मत करिए… मैं आगे से महनत करूंगा…. प्लीज सर प्लीज….” मैं गिडगिडाने लगा… पर इससे पहले की कुछ कहते सर, अमित और सुशांत ने पूरी ताक़त से मेरा अंडरवियर खींचना शुरू कर दिया...मैंने बहुत रोकने की कोशिश करी, पर दो लोगो के आगे मेरी ताकत बहुत कम थी. उन दोनो ने मेरा अंडरवियर खींच कर फाड़ दिया….”हा हा हा अह आहा हा…..” वो दोनों जोर जोर से हंसाने लगे और उनके साथ पूरी क्लास भी हंसाने लगी. मैंने अपने हाथों से अपना लुंड छुपा लिया...और मेरी आखों से झर झर आंसूं बहने लगे….उन दोनों ने मेरे फाटे हुए अंडरवियर के दोनो तुकडे हवा में फेंक दिए….मेरा लंड पत्थर की तरह सख्त था. मेरा सर नीचे झुका हुआ था. “प्लीज सर मिझे माफ़ कर दीजिये….” मैंने रोते रोते कहा…
“ हा हा हाहा ह आहा….” चारों तरफ बाकी लडको के हंसी के ठहाके और खुसरपुसर मेरे कानो में गूंज रही थी.
“चल अब टेबल पर चढ़ और मुर्गा बन जा….” सर का आदेश मेरे कानों में पडा.
“नहीं सर प्लीज, ऐसा मत करिये…. प्लीज सर….” मैं रोते रोते भीख मांग रहा था औ र्मैने दोनों हाथ जोड़ दिए. पर ऐसा करते ही मेरा खड़ा हुआ लुंड एक झटके के साथ बहार आ गया और अब मेरा लुंड और मेरी झांटें साफ़ दिखने लगी. ऐसा करते ही पूरी क्लास जोर जोर से हंसने लगी. मेरा मुह शर्म से और लाल हो गया...और मैंने फिर से अपने हाथों को अपने लुंड पर लगा लिया…
मैथ्स सर भी हंसने लगे ये देख कर. पर फिर से उन्होंने अपना चेहरा सख्त बना कर कहा “ जो कहा जा रहा है वो कर… नहीं तो और बुरा हाल होगा….”
“ नहीं सर प्लीज….” मैं फिर से गिडगिडाने लगा. . पर इस बार सर का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और वो मेरी और बड़े. उन्होंने आव देखा न ताव, मेरे मुह पर झापडो की बरसात कर दी. मुझे अपने चेहरे को बचाने के लिए अपने हाथों को चेहरे पर लगाना पडा. आठ दस थप्पड़ खाने के बाद मैं टेबल पर गिर पडा.
“जो कहा जा रहा है वो कर…..” सर दुबारा चिल्लाये…
मैं डर के मारे एक दम टेबल पर चढ़ गया…” अब मुर्गा बन…..” मैं फोरेन मुर्गा बन गया. अचानक सब लोग जोर जोर से हंसाने लगे… मेरे लंड में एक जोर का झटका लगा इस अपमान से. मेरी चुतड नीचे थी. तभी सर ने पास में रखी एक डंडी से मेरी चुतड पर जोर से मारा. “आआह्ह्ह्ह…..” मैं एक दम खड़ा हो गया और अपनी चुतड सहलाने लगा. इतने में एक और डंडी पड़ी मेरी चुतड पर “ अपनी चुतड हवा में उपर करके मुर्गा बन.” सर की आवाज़ आई. मैं फ़टाफ़ट दुबारा मुर्गा बन गया पर इस बार मेरी चुतड हवा में ऊपर थी. सर ने तीन चार बार डंडी जोर जोर से मेरी चुतड पर मारी. “अआह्हह...आआह्ह्ह……” मैं बस दर्द में चेइखता ही रह गया. “चुतद नीचे नहीं आणि चाहिए चाहे जो भी हो….” सर का आर्डर आया. मैं अपनी चुतड को नीचे करने का साहस न कर सका.

“चलो अब सब एक एक करके यहाँ आओ और इस लकड़ी के स्केल से इसकी चुतद पर एक एक बार मारो. इशांत हर बार स्केल पड़ने पर तू बोलेगा…..सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा मैं…..समझा? “ सर का आर्डर था. “जी सर….” मैंने रोते रोते जवाब दिया…
अमित और सुशांत तुम दोनों टोपर हो इस टेस्ट के, तुम दोनों शुरू करो इस गधे की पिटाई….”
चूँकि मेरा चेहरा क्लास की तरफ था. मैंने देखा की अमित ने स्केल उठाया और जोर से मेरी चुतड पर स्केल मारा. मैं दर्द से बिल्बिला गाया. “आआअह्ह्ह..आ हा...…...सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा” देखा रा चुतद दर्द के मारे कब नीचे हो गया. मुझे पता नहीं चला… इतने में सर की एक डंडी मेरी चुतद पर पड़ी…..”आआह्ह्ह्ह……” मैं चिल्लाया. “चुतद ऊपर…..” सर बोले. मैंने फ़टाफ़ट अपनी चुतड ऊपर कर ली. इतने में मैंने देखा की लगभग पूरी क्लास टेबल के पास जमा थी और अपनी बारी का इंतज़ार कर रही थी मेरी गांड को सकने को. मैं घबरा गया और मेरी लंड में से प्रिकम टपकने लगा. मैंने देखा की अमित ने सुशांत के कान में कुछ कहा और दोनों जोर जोर से हंसाने लगे. शायद उसने मेरे लंड से टपकते हुए प्रिकम को देख लिया था. पर इस बेइज्जती में भी एक अजीब सी सनसनी पुरे शरीर में दौड़ रही थी. खैर अब मैंने देखा की सुशांत आगे बड़ा और जोर से स्केल मेरे चुतद पर मारा…..”आआह्ह…..” जोर से चीख मेरे मुह से निकली तभी मुझे ध्यान आया की मुझे माफ़ी भी मांगनी है.  “सॉरी सर माफ़ कर दीजिये अगली बार जरूर पास हूँगा” मैंने फ़टाफ़ट बोला...मेरी आवाज़ में एक कंपकपाहट थी. इसके बाद तो एक एक करके क्लास के सारे लडको ने मेरी गांड की सिकाई करी. हर बार मैं दर्द में चीखा और माफ़ी मांगी. और हर बार मुझे अपने लंड में सख्ती बदती दिखाई दी. २५वें स्टूडेंट तक आते आते तो मुझे लगा की मेरा लंड झड जाएगा. मेरी चुतद स्केल और सर की डंडियाँ खा खा कर सुन्न होने लगी थी डर के मारे और मेरे आखों के आँसूं भी सुखाने लगी. मुझेह अपनी चुतड में लगी आग अपने लंड में बहती दिख रही थी. मैं बुरी तरह से अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाना चाहता था लेकिन सर की डंडियों की मार के डर से उसको नहीं छू पाया. पर मेरा लंड अब जोर जोर से झटके मारने लगा था इतने स्केल खाने के बाद. मुझे लगा की मैं वापिस न पहुँचाने वाली स्तिथि में पहुँच रहा हु. “चल सीधा हो इशांत….” सर ने आर्डर दिया. मैं अब मुर्गा से सीधा खड़ा हो गया पर शर्म के मारे मैंने अपने टपकते हुए लंड को अपने हाथ से छुपा लिया.. पर जैसे ही मैं सीधा हुआ पूरी क्लास के लड़कों ने जोर से ठाहाका मारा. मैं समझ गया की सब लोग मेरे खड़े और टपकते हुए लंड को देख कर हंस रहे है. इस अपमान के बाद तो जैसे मेरे लंड ने जोर जोर से झटके मारने शुरू करे और मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया की अब मैं पूरी क्लास के सामने झडूगा तो मेरी क्या इज्जत रह जायेगी, पर सब कुछ अब मेरे हाथ से फिसलता हुआ नज़र आ रह था. पूरी क्लास के सामने मैंने अपने लंड को जोर से पकड़ किया और दबाने लगा.. “आः….आआअह्ह्ह्ह…….आः……” की आहे भरने लगा….


इतने में मेरी आँख खुली और मैंने देखा की मैं अपने बिस्तरे पडा हूँ… और ये एक सपना था….पर मेरा लंड पूरी तरह से पत्थर की तरह सख्त था और बिलकुल झड़ने वाली स्तिथि में था. ….मैंने फ़टाफ़ट अपनी शोर्ट और अंडरवियर को नीचे खींचा और लेटे लेटे जोर जोर से अपने लंड को हिलाने लगा….और पूरा सपना मेरी आँखों के सामने घुमाने लगा….वो पूरी क्लास के सामने मैं टेबल पर खडा नगा अपना लंड हिला रहा हूँ और पूरी क्लास जोर जोर से हंस रही है. “आःह्ह्ह…...आःह……..” मेरी आहें तेज़ हो गयी. और मेरा पूरा शरीर उत्तेजना से भर गया...मेरा हाथ बिजली की रफ़्तार से हिल रहा था…..और देखते ही देखते मेरी आहें चीखो में बदल गयी और मेरा लंड जोर जोर से पानी छोड़ने लगा. “आह….आह….आआआ……..आआअ…..हूँ……..ऊऊह्ह्ह्ह……..” मैं कुछ समय के लिए पता नहीं किस दुनिया में पहुँच गया…..मेरे लंड में कम से कम १५-20 झटके मारे और जब मैं होश  में आया मैंने देखा की मेरी पूरी छाती और मेरे हाथ पर मेरा वीर्य ही वीर्य था. ….मैं जोर जोर से सांस ले रहा था.

मेरा दिमाग अभी भी उस क्लास वाले सपने में था. काश ऐसा कभी सच में हुआ होता जब मैं स्टूडेंट था….…

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 9


अब अमित और देर नही करना चाहता था अपने लंड को झड़ने में. "इन जूतों को खडा होकर वहाँ रख कर आ जल्दी." राहुल फटाफट खडा होकर उसके जूते रखा कर आया. जब वोलौट कर आया. "इधर घुटने के बाल बैठ" अपने पैरों की और इशारा करते हुएय उसने कहा. राहुल घुटने के बल बैठ गया. " मेरी पैंट खोल." राहुल ये सुन कर चकित रह गया. "साले सुनयि नही दिया क्या" अमित ने खडे होते हुए कहा. अ*ॅब राहुल का सर एकदम अमित के लंड के सामने था. राहुल ने बिना रुके अपना हाथ अमित की पैंट कि बेल्ट के ओर बडया. बेल्ट खोल कर नीचे रख दी. राहुल ने नोटिस किया की उसका हाथ अमित के सख्त लंड से टच हुआ और राहुल इस टच से पूरा उत्तेजित होने लगा. उसने अमित की पैंट के बटन खोले और इसे नीचे सर्काने लगा. जैसे ही पैंट नीचे आनेलगी, अमित का खडा लंड एक दम साफ़ दिखने लगा अमित के अंडर्वेअर में. राहुल इस खडे लंड को देखने में मस्त होगया, जो की बुरी तरह से अंडर्वेअर में अटका हुआ था. उसने सफेद रंग का jockey का thong पहना था. Thong को मॉडर्न टाइम्स का लंगोट कह सकते है. इसमें कपड़ा सिर्फ लंड के ऊपर ही रहता है. Thong में वैसे भि सब कुछ दिखता है. उसके लंड का उभार साफ़ था और उसकी झांटो के बाल side से दिख अरहे थे. वो भूल गया की वो क्या कर रहा है. उसके लंड कि ख़ुशबू में मदहोश होने लगा. अमित ने नीचे देखा और समझ गया. उसने देखा कि राहुल का लंड भी पुरी तरह खडा होने लगा था और झटके मरने लगा. "क्या हुआ....." अमित बोला. वो ऐसे एक्टिंग कर रहा था के जैसे कुछ पता ना हो. "चल पहले मेरी शर्ट और बानियाँ उतार खड़ा हो कर." राहुल खडा हुआ औ एक करके सारे बटन खोल कर कमीज उतार दी. अ*ॅब अमित सिर्फ़ बानियाँ और अंडर्वेयर में था. अमित कि छाती काफ़ी चौड़ी थी और अच्छे काले बाल थे उसकी छाती पर. उसके शरीर की खुस्बु ने राहुल को मदहोश कर दिया और वो उसमें खोने लगा. अमित का खडा लंड राहुल से टच होने लगा क्योंकि वो पुरी तरह से खडा था. राहुल ने अमित की बानियाँ को नीचे से ऊपर कर्के उतार दिया...ऐसे करने में वो अमित के काफ़ी नजदीक हो गाया और कई बार उसके हाथ अमित के बदन से छुए भी. अमित के शरीर में भी बिजली फैल गयी राहुल के इस टच से. और इस में उसकी साँसें राहुल की सासो से टकराने लगी. राहुल ने बनियान को नीचे फेंक दिया. अ*ॅब राहुल झिजक्ने लगा क्योंकि अमित के शरीर परसिर्फ़ एक thong अंडर्वेयर था और उसमें पुरी तरह से खडा लंड. राहुल अमित के इस नगे बदन को देख् कर पुरी तरह हिल गया. उसने अमित के बदन कि ख़ुशबू को अपनी सांसो में महसूस करना शुरु कर दिया. अमित भी इस नज़ारे को खूब एंजोय कर रहा था. उसका मुँह राहुल के मुँह के पास था. वो फटाफट राहुल को आपनेआगोश में लेना चाहता था और किस करना चाहता था. पर उसने अपने आप को कंट्रोल करके रखा था. वो राहुल के हाथ में अपनी कमजोरी नहि देना चाहता था. उस पर पूरा कंट्रोल करना चाहता था वो. "मेरे अंडर्वेयर को उतार जल्दी..." अमित ने आदेश दिया. राहुल के हाथ काम्प्ने लगे और उसने धीरे धीरे इसे अमित की कमर की ओर बडाया. उसने thong के elastic में अपनी उँगलियाँ घुसाई.

 
to be continued...

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 8


ये कह कार अमित ने राहुल को पट्टे से खींचा. एक मिनट के लिए राहुल का दम सा घुटा, लेकिन अगले पल ही अमित ने छोड़ दिया और फटाफट आपने होठों को राहुल के होठों पर जोड़ दिया और किस करने लगा. राहुल के शरीर में ऊपर से नीचे तक बिजली फैल गयी. ओर वो सिहर गया. अमित ने अपने होठों से राहुल के होठों को चूसना शुरु कर दिया. अमित और राहुल एक दुसरे के होठों को चूसने लगे. दोनो एक दूसरे के होठों से वो बहुत उत्तेजना में भरते जा रहे थे. धिरे धीरे अमित ने अपनी जीभ राहुल केमुँह में घुमानि शुरू कर दी. दोनों ने एक दुसरे कि जीभ से जीभ मिलाई. अमित और राहुल दोनो इस किस में खो गए. अब राहुल ने भि किस्स के मज़े लेने लगा. अमित ने थोड़ी देर तक होठों कोकिस्स करने के बाद अपने होठों को राहुल के गालों पर घूमना शुरू कर दिया. राहुल के सॉफ्ट और चिकने गालों पर उसकी जीभ और होँठ फिसलने लगे. राहुल को अमित के होठों केस्पर्श से एक सनसनाहट हो रही थीन. राहुल अमित के होठों के इस स्पर्श में बहकने लगा. उसका लांडा फिर से खड़ा होने लगा. हालाँकि उसने अभि कुछ मिनट पहले झडा था, इस लिए वो पुरि तरह से खडा नहि हुआ. अमित सोफे पे झुका था जबकि रोल अपने घुटनो के बाल अमित के आगोश में था. दोनों कि आँखें बंद थी और दोनों पुरी तरह से खोये हुए थे. अमित कि जीभ के टच से राहुल हलकी हलकी आहे भरने लगा. अचानक अमित ने किस करना बंद कर दिया और राहुल को नीचे झटक दिया. राहुल एक दम आश्चर्य चकित राह गाया. वो इस किस्स को बहुत एंजोय कार रहा था. वो अमित के मुँह को देखने लगा. अमित ने अपना चेहरा एक दम कठोर बनाकर राहुल को आदेश दिया. "मेरे जुते खोल..... फीते अपने दाँतों से खोलना. समझा".
राहुल ने अमित के गन्दे जूतों केए ओर देखा और गले में थूक को सटका. उसे जूतों को मुँह सेलगने के खयाल से ही घिन्न आने लगी. पर अब उसकी जिंदगी बदलचुकी थी. उसके पास कोइ चारा नहि था. उसे पता चल गया था की उसे अपनी गलतियों के लिए ये कीमत देनी ही होगी. और ना जाने क्यों पिछले एक घन्टे से उसकी ज़िंदगी में जो हो रहा था, उसमें उसको कुछ अजीब सा आनंद आ रहा था. उसने फिर से अमित की ओर देखा. अमित ने आँखों से उसके जूतों कि ओर इशारा किया. राहुल नीचे झुखा और अपना मुँह अमित के जूतों के पास ले गाया. उसने फीते का कोना ढूंड कार आपने आगे के दाँतों में पकड़ा. उसके नाक में जूते के चमडे कि smell गयी और वो ना जने क्यों इसे पसंद करने लगा. उधर अमित ने राहुल के चुतडो को अपने हाथ से अपनी ओर खींचा ताकि वो उनकों टच कर सके.राहुल अमित के इस टच से राहुल हिल गाया. अमित ने राहुल को और सताने का सोचा. उसने उसकी चुतड पर अपनी उँगलियों को हल्के हल्के घूमना शुरु कर दिया. राहुल के शरीर में गुदगुदी होने लगी. इससे वो आहै भरने लगा और उसके दाँत से अमित के जूतों का फीता निकाल गया. उसने फिर कोशिश की, पर अमित ने इस बार हाथ उसके गांडा और लांडा कि बीच की खाल पर घूमना शुरू कर दिया. "आह.... ओह....." राहुल के मुँह से अहं निकली. अमित को इस खेल में मजा आ रहा था. उसको गोल गोल चुतडो और टट्टो पर उँगलियाँ घूमा घूमा कर राहुल को सताने लगा. बीच में उसे और डराने केलिए, जोर से चीख़ा. "सेल एक फीता नही खुलता तुझसे.... है" राहुल और जोर सेकोशिश करने लगा. हडबडाहट में उससे और गलती होने लगी और वो फीता नही खोल पया. अमित ने उसको सतना जारी रखा. जब 4-5 मिनट हो गए, उसने राहुल को बालो सेपकड़ कर खीचा और एक चाता रसीद कर दिया. "गांदु कोई कम आता है करना? साले चार महिने के लिए मैने हाथी नहीपाला है. कम ठीक से नही करेगा तो बहुत थुकेगा. जल्दी कर..." राहुल कि आँखों के आगे सितारे आ गए. वो फिर से झुका और कोशिश करने लगा. इस बार अमित ने उसे नही सताया. उसने एक एक कर्के फीते ढीले किए और अमित की और देखा. उसे नही समझ आ रहा था कि वो हाथ से जूते उतार सकता है कि नही. अमित समझ गया और बोला. "अब हाथ से उतार इसे... जल्दी." राहुल ने ऐसे ही किया. इसके बाद राहुल ने दूसरे पैर के जूते को भिऐसे ही खोला. अमित के दोनो पैरों कि जुराबोमें से पसीने कि smell आ रही थी. राहुल उसेसूँघ कर मदहोश सा हो गया. "मेरी जुराबे भी मुँह से ख्हेंच के निकाल" राहुल ने जैसे ही मौजे का कोना दाँतों से पकड़ने किकोशिश किवो अमित के पैर में कैट दिया. अमित को मौका मिल गया राहुल को नीचा दिखने क्ाउसने जोर से पैर झटका और चीख़ा "अ*ॅबेय साले काँटा क्यों तूने". राहुल नीचे गिर पडा. अमित ने एक लत और मारि राहुल को. राहुल डर गया. "ठीक से कर जल्दी". राहुल ने आपकी बार बहुत सावधानी से जुरब को खींचा और बहुत मुश्किल से उसे पैर से उतारा. ऐसे ही उसने दूसरी जुराब के साथ भी किया. "ईन दोनों जुराबोन को मुँह से पकड़ कर कुत्ते कि तरह कमरे के कोने में रख कर आ. बीना हाथ से छुहे. " राहुल ने एक जुराब को मुँह में दिया और कमरे के कोने कि ओर कुत्ते कि तरह चलनेलगा. अमित उसे पीछे से देख् कर excited हो गया. उधार राहुल के मुँह में लड़ से अमित की जुरबो क्ा पसीना घुलने लगा. उसे अछा लगा. राहुल नेदूसरी जुराब को भी ऐसे ही कमरे के कोने में पहुँचा दिया.


To be continued......

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 7


राहुल धीरे से नीचे झुका और जीभ को बाहरनिकाला और अपने वीर्य को चाट्ने लगा. ये करने में उसकी चुतड ऊपर उठी हुइ थी और हवा में हिल रही थी. उसका आधा खडा लंड भी उसकी चुतड के साथ हवा में हिल रहा था. अमित उसकी गठि हुईचुतड देख् कर excite हो गया.उसका लंडउसकी पैंट में झटके मरने लगा. उसने अपनी उँगलियों को पैंट में घुसाया और अपने सुपाडे पर फिरया. उसका लंड प्री कम से भरा था. उसने अपनी उँगलियों को कै बार फिरा करबाहरनिकाला और चाट लिया. उसका muh हलका सा नमकीन हो गया. वो बस राहुल कि हिल्ती हुई चुतड और लंड को धेक्ता रहा. उधर राहुल अपने वीर्य को चट रहा था. उसके मुँह में मिट्टी भी जा रही थी, पर उसका दिमाग अपने शरीर पर लगी हुई अमित कि नजरों पर था. वोह इस बात को सोच कर उत्तेजित होने लगा के अमित उसे gay समझ रहा है और जो शायद सच भी है. उसने सारी वीर्य कि बूँदों को चाट लिया और अपने घुटनों के बाल बैठ गया और अगले आदेश का इंतज़ार करने लगा. उसका मुँह नमकीन ओर मिट्टी से अभी भी भरा था. जैसे ही उसने अमित कि और देखा, उसके शरीर में एक झनझनाहट सि हुई. ये सोच के वो पूरा नंगा अमित के सामने है उसे कुछ होने लगा. इतने में अमित ने अपनी उँगलियों से राहुल को अपनी और आने के लिए इशारा किया. राहुल उठने लगा. " उठना नही है, कुत्ते कि तरह चारों टाँगों पर चल कर आ तू." एक मिनट रुक करउसने फिर कहा. "जल्दी कुत्ते". ये कह कर अमित ने एक ठहाका मारा. राहुल काशरीर सिहर गया. वो अपने हाथों और घुटने के बल पर चलता हुआ आगे आने लगा. अमित राहुल कि हिलती गांड देख् कर हिल गया. जब राहुल बिल्कुल पास आ गया, अमित ने राहुलको बलों से खींच कर और पास खींचा और बराबर का ड्रव्येर खोला उसमें से उसने एक कुत्ते का पट्टा निकाला और राहुल के गले में बाँध दिया. " आज से ये ही तेरी पहचान है अगले 4 महीनों के लिए. तू मेरा पैट कुत्ता है हा हा हा हा"
to be continued....

A Strict Father - 8

Ravi's likes it


Ravi was still in shock with whole days incident. He could not believe that his life changed in just one day. He is sleeping on floor with all naked and mat poking into his skin and body covered with bed sheet. He was not able to sleep. His ass was still paining because of spanking he had got in the evening. As soon as he started thinking of spanking he started getting erection. he could imagine his cock stuck between the legs of his father and his own bone. he remembered how his father's each spank pressed on his cock making it more and more hard. He was about to come when his father stopped.
"What are these thoughts" He came out of his mind. I am getting excited by being beaten by my father. Why he never realised this feeling any time earlier. His father has always kept a distance from him. He never remembered his father hugging him. He never felt his father's body. this was the first time he felt his father's body. Just imagining his father spanking he became too excited and tried pressing his cock hard. He could not control at all and started stroking it hard. More and more he stroke, more and more he was enjoying. He just kept on feeling his father's hard hand on his cheeks and all over the body. Roshan's large black flaccid cock was still in his eyes when he was taking down his underwear. He kept on imagining it full erect how big it would be........
Aah Umhhhh,....Aah......Umhhh.... Ravi started moaning in excitement with pictures in his mind about total in control of his father. He started moving his ass up and down in full excitement and with big sound of Aaha, he started spurting his cum all over his stomach. The load was so much that it took 7-8 spurts to cum out fully. It took another ten minutes for Ravi to come back to senses.................... that he has cum all over his stomach and hands are also full of cum. He immediately thought what to do. If Roshan comes to know that he masturbated, How will he react.................... Ravi's mind was full of new kind of fear...... He thought of wiping everything with bed sheet, but surely it will leave mark on bedsheet which Roshan may check in morning. He got an idea he turned upside down and wiped the cum with the mat below. Using his hands he cleaned everything........Once he was convinced that there will be no mark left, he tried to sleep. In dark there was no way for him to check if the marks of cum are there or not. But he was convinced to himself. Thinking about the day incidents, he didnt realise when he went to sleep.........

to be continued......

A Strict Father - 7

Ravi sees the black monster first time


Roshan came in kitchen and started cooking. He gave all advises on how to cook. " you need to learn everything with in 10 days. I cant teach you for whole two months." Roshan told Ravi Loudly.
He nodded his head. Roshan stood there and kept instructing on cooking while Ravi Followed. Somehow that 1 hours went off peacefully. Simple food with Dal Roti and Sabzi was cooked.
Roshan ordered Ravi to arrange his plate and bring it to dinning table. Roshan sat on dinning table while Ravi kept the plate in front of him. Roshan ate attentively and enjoyed. Ravi was silently sitting behind and brought whatever was ordered. Once he finised, roshan went to wash his hands and ask Ravi that he can take food too. Ravi went in kitchen and arranged his plate and came out. He was about to sit on Dinning Table, Roshan shouted " Who the hell asked you to sit on Dinning table. Did you take permission u dumbo?" Ravi was shocked. He could not believe his ears. Roshan showed with his finger,"Sit on the floor and eat. I am giving you food thats enough. Also you should not sit crossed legged. Sit on you legs without ass touching ground. thats how the slave eats." Ravi sat on floor on his two legs. He found it difficult to eat that way as he was used to sitting on dinning table & eat. But his fate has changed now. He finished his dinner and asked permission for taking water from Roshan. Roshan just nodded his head. Ravi had water and came back to hall. Roshan said," Clean all the vessels and whatever left keep in freeze back................ this should be taken care daily. I will not tell you again & again." Ravi nodded.
He first cleaned the hall and then went in Kitchen. cleaned all the vessels and utensils and later whole kitchen. He was extra careful as he knew if anything left unclean Roshan will be angry. He came out and stood in one corner. Roshan was busy in watching TV. Ravi didn't dare t speak anything. Roshan switched off TV and started towards room and asked Ravi to follow. Roshan entered into bathroom. Ravi stopped outside. Roshan stood in front of pot as if he wanted to pee. He turned back and stared at Ravi. Ravi Didnt understand. "Come in" Roshan screamed in anger.
"take down my track pant and underwear and take my cock out. I want to pee." Ravi could not believe his words and stood like a dumb there.He never expected these words from his father. "Did you get what I said you FUCKFACE........". Ravi nodded his head. " then what are you waiting for". Ravi took his father's track pant down to knee and then dragged underwear to down too. Ravi just got shocked to see his father's big Cock. he held that in his hand so that he can pee. Roshan started peeing. Ravi could not his eyes away from Roshan's Cock. Just kept looking at it. Although it was flaccid, it was big. Ravi got totally engrossed in 'back monster'. In the mean time Roshan finished his peeing and ordered ravi to raise underwear and trackpant. Roshan came out and Ravi was behind him still in dreams of his fathers big cock. Roshan then ordered Ravi to take out his lungi which ravi did. He then asked Ravi to remove his pant and underwear. "I like sleeping in lungi without underwear." ravi removed his track pant then underwear. again the big cock was just in front of his eyes when he was trying to lower his father's underwear. The smell of his big cock just made Ravi a bit crazy. " My Lungi..............." Ravi came back to senses and ran towards cupboard to give lungi to his father which he tied himself as he knew Ravi does not know how to tie lungi.
Roshan sat on bed and was about to lay down. Suddenly he turned towards Ravi and told," Take the mat out of that cupboard and a bed sheet. You will sleep on floor now onwards."......... Ravi just could not believe his ears as he has never in his life slept on floor. He has the nice bed in his room with a nice fluffy mattress. "Moreover you will sleep in my room today onwards. In night if you need to go for pee, wake me up and ask." Roshan was stern in his voice before laying down on bed. "Now switch off the light. You should wake me up with tea at 5AM.............. without fail." ravi nodded his head, however he didnt have courage to ask how will he know the time in the morning as there was no clock in the room. But he was too scared to ask.
Ravi with tears in his eyes took the mat out along with bedsheet. He laid it under the bed of his father. he laid down on it after switching off light. he found it too hard as he was used to so much of comforts. He felt that hard mat was poking into his skin and bones of his back. Somehow turn to left and right, but could not bear the hard poking. But he knew he has no option.

to be continued.....

A Strict Father - 6

Ravi's ass spanked


"Better you start bearing this up my son. You will have lots of this in next two month. A useless boy like you is of no use to me anyway."
"Sir, Please have mercy on me Sirrrr.... Aaaaaaaaaahaahhhhhhhhhhaaaaaa." Before Ravi could speak further Roshan pressed his balls harder.
"I had told you that you will not speak without permission anymore. How dare you".
"Mmmmmmmmmmmmm.............. Aaa.aaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhhhh................Mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm" Ravi kept on murmuring realizing that he has no way out.
Roshan released Ravi's balls. Ravi felt big relief.
Roshan moved to sofa again and sat there. Asked Ravi,"How are you feeling my son. Do you understand now if you dont study what your life is going to be." Ravi just moved his head down.
"I am sorry Sir." Ravi meekly told.
"No way you are going to escape from the punishment for your bad results. Come here."
Ravi moved closer to Roshan. " Lie down on my lap" Ravi moved on his knees first and then laid on Roshan's lap. Ravi's naked body just was lying flat on the laps of Roshan which were quite
apart to adjust his body. Roshan adjusted the legs in such a way that Ravi's ass was on right knee of him. Roshan took one wooden ruler which was there on the table kepet earlier itself by
Roshan. He hit the ruler straight on Ravi's ass. Whack...... AaaaaaaaaaaaaHHHHHHHH. Ravi's whole body got a big jerk and he tried to get up. But Roshan had firmly had his elbow near Ravi's neck forcing him not to move. " I want you to count loudly as i hit. You need to say 'Thank your Sir', each time I hit." "One Thnak you Sir." Whack................ "AaaaaaaaaaHHHHHHH..... Two..... thank you Sir." after 4th spanking Ravi totally broke down. each hit was hitting his ass too hard like a sting. after 10th spanking he started pleading for mercy from his father. But Roshan didnt move at all. He continued till 20. by this time ravi was crying like a small boy of 5 years. Humiliation with pain was too much for him to take.............
Suddenly roshan threw ravi from his lap and Ravi was on floor crying loudly like a child.
Roshan kicked him once and told him,"Stop behaving like a child. Within 10minutes I want you to be in Kitchen and help me with cooking." Roshan went to his room.
Ravi tried to gather some energy and got up. his ass was burning like a furnace. As he touched it, it pained more. he left it there and decided not to touch it............ and started towards the kitchen.


to be Continued.....

A Strict Father - 5

Ravi's balls are no more his

Roshan got up from sofa and went close to Ravi. Held him by his hair and told," Now onwards whenever you are called, You should come here and stand like this. You will come to know how to live a life without having any money & study. Anyway you will be slave to somebody if you dont study. I want to make you realise that how a person with no prestige lives. Since I cannot throw you out of this house because of social obligations. I need to teach you at home. Now onwards you will not call me papa. Only 'Sir'". There was a firm emphasis on word 'Sir'. " Anytime you call me 'Papa', I will thrash you left and right. Did you get it?" Roshan asked loudly. "Yes Papa" Ravi replied. Phatak............ Ravi got a hard slap on his right cheek. 'AAAAAAAAAHHHHH' Ravi screamed.
" I told you not to call me Papa anymore. Don't you understand". "Yes Sir" Ravi replied sobbingly.
" My order is your life now onwards at least till May end before your mother comes". Roshan said.
" Why your penis is hard?" Roshan asked looking into Ravi eyes. " You are such a shameless boy that you get excited by getting beaten by your father. Answer me."
" I dont know Sir" Ravi replied slowly.
" I need to probe more into your perverted life I guess. I am so surprised that you have hard dick in front of your father when he is scolding you." Ravi was so much embarrassed at being humiliated by his father this way, But he could not do anything to stop that erection.
His head was totally down in shame. He has never got exposed himself in public anytime. Except for some childhood playful activities with his friend chetan who lived next door. He and Chetan studied together most of the time in room which they locked from inside and exposed each other by playing and making each other naked. Atlast they will masturbate each other. Masturbation they had explored through experiment and reading on internet. Lately chetan has started getting some porn magazines which he had stolen from his elder brother's cupboard without his knowledge. Since he didnt want his elder brother to know, he gave these magazines to Ravi to keep in his cupboard safely and locked. Although this has become their everyday play, but nobody in families were aware of the fact that they are into teenage fun. Slowly it became a full fledged sex fun which was hidden from both the families.
Ravi got scared at the statement of his father that if he finds the porn magazines, what will be his fate. He was still thinking, he experienced great pain in his balls. He came into senses and realised that his father is holding and pressing his balls. Aaaaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhhh. Ravi screamed in pain, but there was no difference in the pressure with which he was pressing his balls. He tried to move back. But Roshan pressed his balls forward not letting him move back. he removed his hands from head and tried to get his balls release which his father was holding with his left hand. Roshan quickly held Ravi by his hair which forced ravi to leave his balls and hold his hairs. He could not bear the pain in balls as well as hair together. He started pleading his father,'Please Sir. I cant bear the pain. Please leave me." There was a cunning smile on Roshan's face with the first win when Ravi didnt call him Papa rather called him 'Sir'. This means he has started accepting his new position as slave..........

to be continued....

A Strict Father - 4

Ravi Strips himself

Ravi was just shivering and stopped begging his father. Roshan ordered now," Strip yourself completely". Ravi didnt know what to do. He just seemed confused. " I said Strip yoursellf completely immediately". Came the next order.
Ravi was totally numb and was not able to decide. Roshan just got up and came straight to Ravi. He slapped on his face with big sound Taaadaaakkkk............ Ravi could not balance himself and fell down with big cry.. Aaaaaaaaaaaahhhhhhhhhhh. Roshan didnt lose a moment and Grabbed Ravi's hair and pulled him. Ravi was red out of fear..... and tried to hold his hair. But Roshan didnt give him any chance. He pulled him so hard that Ravi had to get up trumbling and struggling. Roshan slapped another time and this time on other cheek Taaaadaaaaaaaaaaaaaaaaakkkkkkkkkkkkkkkk.......................and he left Ravi's hair and Ravi again fell on other side. This time crying more vigorously.......
"Did you hear what I said", Roshan kicked very hard on his Ass. This time Ravi waved like a injured snake to other side to save his ass. Extreme pain on his ass made him do so. After this Roshan didnt lose the opportunity and kicked hard on this cock. Ravi just shouted in pain......... Aaaaaaaaaaaaahaaahhhhhhhhhhhhhhhhaaaaaaaaa.......
"Did you hear what I said". Roshan repeated......
Ravi was lying on floor holding his cock and last kick was too hard. He was crying. He realised that any further delay will cause more problem. He loudly said "Yes .... Yes ....Yes...." to save himself from further kicks.
"Then why is the delay. Didn't you understand what I said. You will have to follow what I said"................. "If you don't want further kicks, Immediately get up and strip yourself completely naked without any further delay. Roshan shouted.
Ravi immediately jumped straight. He didnt want any further beatings. He tried to stand straight. But because of pain in his balls, he had difficulty to stand straight. Was still holding his balls. Roshan held his hair and stared at him again. This time Ravi immediately left his balls and started stripping himself.
Ravi started removing his t shirt with shivering hands. After removing T shirt he moved his finger in his track pant's strap and slowly moving it down hesitatingly. He moved it upto knee and looked at his father if he has any mercy on his face. But Roshan's face was grim. He had no hope from him and removed track pant completely. then he removed his vest. He stopped there as he didnt have courage to remove his underwear. he put his finger in his underwear which was clearly exposing his erect penis. But could not move it down. looked at his father who was showing his impatience with his anger. " Do you understand the meaning of complete strip". Ravi nodded his head in yes. " then do it fast". roshan shouted. Ravi just got scared with the roaring sound of his father and just removed his underwear in one shot to down. His fully erect dick thronged out of the underwear and it was swinging like a spring for few seconds before Ravi became conscious and tried to hide his dick with his hands. Somehow his hands were not big enough to hide his hard penis. "Hands on the back of your head and widen your legs apart immediately" Next order came from his father. Ravi hesitatingly moved his hands towards the back of his head. Now Ravi was fully embarrassed that he was standing fully naked with legs apart and hand on the back of his head, fully exposed and having hard dick. He has tears in his eyes because of this embarrassment. He looked at his father with the hope that he may stop here, But Roshan was not in a mood to stop there.......
to be continued......................

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 6

अपने लॅंड को पकड़ कर राहुल नीचे घुटनो के बल गिर गया और जोर जोर से साँसें भरता रहा। २-३ मिनिट के बाद वो होश मे आया और उसने सर उपर उठा कर देखा। अमित सोफे पर बैठा था और उसके चेह्रे पर एक शरारत भरि मुस्कान थी. "अ*ॅब पता चला कि तेरा लंड खड़ा क्यों था. साले तू gay है gay. गांडू तुझे लड़के पसंद है." अमित ने जोर से ठहाका मारा. राहुल का चेहरा शर्म से लाल हो गया. उसे कभी इस बात का एहसास नहि था कि वो gay है. पर यह तो सच है कि उसे लड़कियों में कोइ खास दिल्चस्पइ नही थी. जब कॉलेज में उसके साथ के लड़के गर्ल फ्रेंड्स बनाने में व्यस्त थे, वो लड़कों से दोस्ती में ही खुश था. उसका सर इस नए एहसास से भन्नाने लगा. अमितकि एक ऊँची आवाज़ से उसका ध्यान वापिस आया. " अ*ॅब साले जो ये गंदगी फैलयि है इसे साफ़ कर. तेरे लंड ने जो यह पानि झाडा है फर्श पर, उसे अपनी जीभ से चाट. जल्दी." राहुल ये सुनकर सकते में आ गया. वो जीभ से फर्श कैसे साफ़ कर सकता है. ये अमित क्य कहाँ रहा है. उसके मन में एक घिन्न सी उठी. वो सिहर गया. अभिसोच ही रहा था के अमित चिल्लया "जल्दी, और काम भि है मुझे, साले तेरे लंड को हिलाने के अलावा. चल चाट जल्दी."
to be continued.....

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 5


राहुल किसी भि तरह से झड़ना चाहता था. वो पुरी तरह से उत्तेजना से भरा था. उसने जैसे तैसे आपने लंड को पकड़ा और जोर जोर से हिलाना शुरु कार दिया. राहुल एक दम बिजली केए तरह उठा और राहुल के एक थप्पड़ जड़ दिया. "सेल तुझे अपने लंड को हठ लगाने को किसने बोला है...............हैं.........." राहुल का सर झना गया. "जी.............जी............वो................." "ग़ांडु, हरामि, जब तक बोला नहिजयेगा तू कुछ नही करेगाभूल गाया क्या..............." राहुल ने अपनी आँसुओं से भरि आँख नीची की............ और अपने पथ्थर जैसे लंड कोदेखने लगा.. वो किसी भी तरह से अपने आप को रिलैक्स करना चाहता था. " सर ............प्लीज़.........सर............. मुझे.................वो................" इससे पहले राहुल कुछ कह पाता, अमित कमरे के बीच में पदे फुट मैट की और इशारा कर्ता हुआ बोला.."वहाँ जाकर खडा हो जा................ और याद रखना जब तक कुछ कहा ना जाएँ कना नही है.....समझा" उसने घूरा के राहुल की ओर देखा. राहुल ने अपनी गर्दन हिला कर कहा.... "जी सर".....
वो कमरे केबीच में जाकर खडा हो गया. अमित राहुल की इस हालत पर मन ही मन खुश हो रहा था. वो राहुल पर पूरा कंट्रोल चाहता था. "टाँगें चौड़ी और दोनो हाथ सर के पीछे" राहुल ने वैसे ही किया. अमित ने राहुल की नंगी बॉडी को देखा और उसके लंड में खून भार गया. उसने अपने हाथ से अपने लंड को एडजस्ट किया और राहुल की और बड़ा. वो राहुल को थोड़ा और सतना चाहता था. वो राहुल केबिल्कुल नजदीक गया. बालों को पकड़ कर उसका सर ऊपर उठाया. दुसरे हाथ से अपनी उँगलियों को उसके टट्टो पर घूमना शुरू कर दिया. राहुल ने अपना हाथ नीचे लाने कि कोशिश करि पर अमित ने उसे हिदायत दी "हाथ नीच नही आने चाहिए" राहुल रुक गया... कुछ ही सेकंड में वो अहेन भरने लगा. "अहं................ऊंह....................आहा........................ओह्ह्ह्ह............ प्लीज़ सर................ मैँ................. वो................ अहा.................ओह................" अमित रुक गया...... और राहुल के मुँह को शरारत भरि निगाहों से देखने लगा... राहुल ने अपनी आँखें खोली. अमित धिरे से रोल के पीछे गया और उसकी चुतडो पर धीरे धीरे हाथ फेरने लगा. राहुल अपनी चुतडो को आगे पीछे हिलाने लगा. उसका पूरी तरह से खडा लंड भी हिलने लगा. अमित को बहुत अच्छा लगा उसका हिलता हुआ लंड देख् कर. फिर वो दुबारा आगे गया. अब्ब्की बार उसने राहुल के लंड को जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया. अब क्या था. राहुल उत्तेजना से भार गया और चीखने लगा. "ओह.............. अ*ॅह..............अहा........ओह्ह............. सर प्लीज़............. लेट मी कम.............."
वो भीख माँगने लगा. अमित कोएहसास हो गया था कि राहुल का लंड और हार्ड हो गया और हल्के से झटके मरने लगा. अमित रुक गयाराहुल अब पागल सा हो गया. वो भीख माँगने लगा. "सर प्लीज़...... लेट मी कम.................. प्लीज़ मैँ और सहन नही कर सकता.... प्लीज़........." अमित ने फिर से राहुल का लंड हिलाना शुरू कर दिया. यह सिलसिला 10-15 मिनट तक चलता रहा..... राहुल का सर भन्नने लगा उसने कई बार अपना हाथ नीचे लाने कि कोशिश करी, पर अमित ने उसे रोक दिया. उत्तेजना में उसका पूरा शरीर काम्प्ने लगा और उसका दिमाग चलनाबंद हो गया. वो किसी भीतरह से झडना चाहता था... अबकी बार अमित ने अपना हाथहिलाना बंद नही कियाऔर राहुल के लंड के झटके तैज़ हो गए. वो उत्तेजना मेंचिख्हने लगा. "आहा............ओह........... अहा......... ओह............ " वो अपनी गाण्ड को जोर जोर से आगे पीछे घूमने लगा. अचानक उसके लंड ने वीर्य फेक्ना शुरू कर दिया. इस आधे घन्टे के torture के बाद उसके लंड ने एक फीट दूर तक वीर्य को फेंका. वो जोर जोर से चीखता रहा.... "अहं............... ओह............. ऊनंह्ह्ह्ह आअह्हा..............."
10-12 झटके के बाद अमित ने उसका लंड छोड़ दिया. राहुल अभी भी जोर जोर से साँस ले रहा था. येह उसकी ज़िंदग का सबसे उत्तेजना भरि मुठ्ठ मराई थी.
to be continued....

अपहरण – २


इतने में अचानक एक जोर से ब्रेक लगा. ड्राईवर ने जोर से हॉर्न बजाया जैसे किसी गेट को खोलने के लिए कह रहा हो. फिर एक गेट खुलने की आवाज़ आई. और गाडी फिर से आगे बड़ी. और थोडा सा बढकर रूक गयी. और पीछे से गेट बंद करने की आवाज़ आई. अचानक गाडी का दरवाज़ा खुला और दूसरी तरफ से जोर से रोशनी आई. मुझे बंद आखोने में भी पता चल रहा था. मैंने फिर से चीखना शुरू किया... “प्लीज मुझे छोड़ दो................प्लीज.................जो चाहिए वो ले लो पर मुझे छोड़ दो.” अचानक किसी ने मेरा मुह दबा दिया.... “अबे बहनचोद, ये तो मरवाएगा, डक्ट टेप ला पहले. इस साले का मुह बंद कर. आसपास में ही पुलिस वन घुमती है रात में यहाँ” रौन ने मेरे मुह पर डक्ट टेप लगा दी. अब मैं मुह में ही बुदबुदाता रह गया. इतने में रोन ने मुझे मेरी टांगों से खींचा और मेरा आधा हिस्सा कार से बाहर था. पर मेरे हाथ मेरे पीछे बंधे थे इसलिए मैं अपने आप को संभल नहीं पा रहा था. रोंन के खीचने से मेरे पीठ पर दर्द भी हुआ, पर मैं बुदबुदाता रह गया. उसने मुझे खड़ा किया. इतने में एक और हाथ आया और इन दोनों ने मुझे तेज़ी से मुझे अंदर की तरफ पुश किया.
मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था की मुझे कहाँ ले जाया जा रहा है. इतनी तेज़ी से मुझे खींचा जा रहा था की मैं कई बार गिरते गिरते बचा... फिर 1-2 मिनट इधर उधर घुमाते ही अचानक मुझे अपने पैरों से पता चला की हम किसी सॉफ्ट से फर्श पर पहुँच गये. इससे मैंने अंदाजा लगाया की हम किसी घर में पहुँच गये हैं. अचानक मुझे जोर से धक्का देकर फर्श पर फेंक दिया. मैं लडखडाता हुआ फर्श पर गिरा और कुछ दूर तक घिसत गया. मेरा सर दिवार पर जाकर लगा.. “आआ..... मैं अपने बंधे मुह से बुदबुदाता रह गया... अचानक कुछ लोगो के अंदर आने की आवाज़ आई...”अबे डोर बंद कर अन्दर, इस चिकने से मजे लेते है...” रौन की आवाज़ थी ये. मेरा दिल जो पहले ही जोर जोर से धड़क रहा था, और धड़कने लगा.. ये शब्द सुनकर अचानक मेरे लुंड ने जोर से झटका मारा. “देख साले का लंड भी पूरा खडा है” सैम ने बोला. “हा हा हा हाहा” सब जोर जोर से हंसने लगे. मेरी बंधी आखों से आंसूं टपकने लगे. “रॉकी इसकी आँखे खोल...इसे भी तो पता लगे की इसके साथ क्या होने वाला है...” रॉकी के क़दमों की आवाज़ सुनाई दी मुझे और उसने मेरी आखों से टेप खींचा...कह्चाक.... और मेरी आखें खुली ही नहीं. चरों तरफ लाइट से मेरी आखें चुंधिया गयी... कई बार छाप्छ्पाने के बाद मैंने आखें खोली. चार जवान लड़कों को अपने चारो तरफ पाया.. रॉकी मेरे चहरे के पास था... रॉकी ने मुझे बालों से ऊपर की और खींचा और कहा “खड़ा हो साले”. मैं डरता डरता और लडखडाता हुआ खड़ा हुआ. मेरे शारीर पर सिर्फ शर्ट थी. नीचे की पेंट और अंडरवियर तो ये लोग गाडी में ही निकाल चुके थे. “अबे पहले इस साले को पूरा नंगा तो कर.” टोनी पीछे से बोला.. मैंने डरते ही पहले टोनी फिर रॉकी की तरफ देखा. रॉकी की आँखों में एक चमक थी. उसने मेरे बालों को खींच कर पुछा, “क्यों बे चिकने, कर दूं नगा तुझे...... हा हा हा हाहा....” मैंने न में सिर हिलाया... “क्यों बे तू नंगा नहीं होना चाहता...” मैंने न में सर् हिलाया....” तो साले तेरा लंड तो पूरा खड़ा है.... हा हा हा हा.... इसका मतलब तुझे मजे आ रहे है.” मैंने न में सर हिलाया.. पीछे से टोनी बोला..” अबे साले को नंगा तो कर...टाइम पास क्यों कर रहा है गांडू.”. मैं बंधे मुह में सर हिलाता रह गया. रॉकी आगे बड़ा और उसने मेरी शर्ट को कालर से पकड़ कर ऊपर से चीर दिया.. अशिर्ट के सारे बटन एक एक करने टूट गये. मैं डर के मारे कांपने लगा. बंधे मुह से रिक्वेस्ट करता रहा... पर वो रुका नहीं. उसने मेरी शर्ट बाँहों से फाड़ दी. मैं हिला हिला कर उसे रोकने की कोशिश करता रहा. पर वो रुका नहीं. और कुछ ही सेकंड में मेरी फटी शर्ट ज़मीन पर पड़ी थी. रॉकी के चेहरे पर एक जीत की चमक थी. उसके बाद टोनी बोला...”अबे रुक, इसकी आखरी इज्जत की निशानी मैं फादूंगा.गया हा हा हा हाहा” मैं समझ गया की मेरी बनियान भी अब फटने वाली है. “ऊम ऊउम.....उम्म्म....” मैं अपने बंधे मुह और रोते ही उनसे भीख मांगता रहा. मेरी शरीर पर मेरी इज्ज़त की आखरी निशानी भी फटने वाली थी. पर टोनी आगे बड़ा और बिना देर लगाये मेरी बनियान भी फाड़ दी और ज़मीन पर फेंक दी...
अब मैं पूरा ऊपर से नीचे तक नगा था.. मैंने नीचे अप्ने नंगे शरीर को देखा. पता नहीं क्यों इस अपमानजनक स्तिथि में भी एक अजीब सी झनझनाहट थी शरीर में और मेरा लंड पूरा खड़ा था.बंधे हाथ और बंधे मुह में और दिल पूरी तरह जोर जोर से धड़क्र रहा था. पर फिर भी इस हालत में मेरा लंड खड़ा क्यों था. एक सेकंड के लिए मैं सोच में पड़ गया... तभी मैंने अपना सर उठाया और ऊपर देखा. चारो लडको की नज़र मेरी बॉडी पर थी और पूरा वो ऊपर से नीचे तक देख रहे थे.

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 4


अब तक राहुल की चुतड पूरी तरह से जल रही थी. उसके लांड ने झटके देने भि शुरु कर दिए थे. राहुल ने अपने एक हाथ को छोड़ कर उससे अपने लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगा. वो लंड को पकड़ उसकी उत्तेजना को कम करना चाहता था. पर अमित ने उसका हाथ पकड़ कर झटक दिया. राहुल बस आहेँ भर्ता ही राह गया. "आआ... अहं.... ओऔ.. आह्हा............. सर प्लीज़............... मेरा लंड झड़ने वाला है."................" आआह्हाआ..................." अमित से अपने हाथों को राहुल की टाँगों के बीच से निकाल कर उसके लंड को पकड़ने क कोशिश की. इसने तो आग में घी का कम किया. राहुल अमित के टच से एक दम हिल गाया. और उसने अमित का हाथ रोकने कि कोस्शिश कि. अमित ने राहुल की इस अजीब स्तिथि का फयदा उठाया. और उसे लंड के सुपाडे को जोर सेपकड़ लिया. अमित ने उत्तेजना में एक जोर से चीख निकली. "ऊह्ह.............. सर................. प्लीज़...............मैं और सहन नहि कर सकता.................. आआ..... ऊओ..............." अमित ने राहुल के लंड के सुपाडे पर उँगली फेरनि शुरू कर दी. "अ*ॅआअ.............ऊऊ........ओह................." राहुल का लंड अब झटके देने लगा. राहुल किसी भी तरह से झड़ना चाहता था अपने लंड में से. अमित ने राहुल के सुपाडे को सहलाना बंद नही किया. कुछ मिनट तक ऐसा चलता रहा. राहुल और पागल होता जा रहा था. उसकी आहेँ और तैज़ हो गयी थी. "सर ...................प्लीज़................अहा....................... ओह..............." राहुल का लंड अब जोर जोर से झटके देने लगा.... अमित समझ गाया कि राहुल झड़ने वाला है........ उसने अचानक अपना हाथ हटा लिया... और राहुल को अपनी टाँगों से निचे धकेल दिया. राहुल धाम से कार्पेट पर गिरा. वो सकते में आ गाया. "वहा सामने जाकर खडा हो जां" राहुल ने अचानक अपने लंड को देखा. जो पत्थर की तरहहार्ड था और उस पर pre cum बह रहा था. उसे यकीन नही हुआ.

मुलाज़िम बना ग़ुलाम - 3


अमित भी राहुल कि इस हालत को देख् कर अपने ऊपर कंट्रोल नही कर पा रहा था. उसका लँड भी एक लोहे कि रोड की तरह हार्ड था. राहुल का सर नीचे था और वो रो रहा था. अमित ने इतने मैं अपने लँड को एडजस्ट किया. फिर वो राहुल से बोला. " सर ऊपर और मेरी आंखों में देख्" राहुल ने जैसे तैसे सर ऊपर किया और अमित कि आंखों मेंदेखने कि कोशिश करने लगा, पर आँखों में पानि होने कि वजह से कुछ देख् नही पा रहा था. " दोनों हाथ पीछे फौरन" अमित ने आदेश दिया. राहुल ने झिझकते हुए अपने दोनों हाथों को पीछे करते हुए अपनी नंगी चुतड दोनों हाथों को पकड़ लिया. उसका लँड हाथ पीछे करते ही एक स्प्रिंग कि तरह आगे कि तरफ़ उछला और 45 डिग्री परखड़ा ह गया थोड़ी देर हिलने के बाद. अमित का लँड भी एक झटका खा गया यह देख् के, पर पैंट के अन्दर होने कि वजह से अमित इसे छिपा गाया.
अमित धिरे धीरे राहुल कि और बड़ा. और उसके सामने जाकर खडा हो गया. उसने राहुल के गाल पर एक थप्पड़ रसीद किया. "ये एडवांस पेमेंट है देर करने के लिए" "आह्हा...." राहुल के मुँह से आवाज़ निकली. फिर अमित घुमते हुए राहुल के पीछे कि और गया. एक निगाह डाली राहुल के गथे हुए शरीर पर. दुबारा सामने आकर थोड़ा पीछे हटा. "दोनों हाथ सर के पीछे लेकर जां" राहुल समझा नही. और अमित के मुँह को देखने लगा. अमित ने अपने दोनों हाथ सर के पीछे लगा कर राहुल को बताया. तो राहुल कि समझ में आ गया. उसने फटाफट अपने दोनों हाथ सर के पीछे लगा लिए. उसे अब और शर्म आने लगी थी क्योंकि उसका पूरा शरीर अब दिखने लगा था. उसके लँड ने एक और झटका खाया. अबराहुल पुरी तरह नँगा अपने दोनोंहाथों को सर केपीछेलगाकर खडा था. राहुल के लँड से pre cum बह रहा था. इससे पता चल रहा थाटा कि राहुल पुरी तरह से उत्तेजीत था.
"तेरा लँड खडा क्यों है?" अमित ने एक दम एक सवाल दाग दिया जिसके लिए राहुल तैयार नही था. " जी ......................" राहुल ने अपने थूक को सटक्ते हुए कहा. "समझ नही आता क्या गाँडु. तेरा लँड क्यों खड़ा है" "जी...............हूँ.................जी.. ................." राहुल सिर्फ़ बद्बदता ही राह गाया. "मैंने कुछ पूछा. जवाब दे." अमित उन्ची आवाज़ में बोला. "जी मुझे नही पता". राहुल ने धीरे से डरते हुए बोला. "हुम्म्म तो तुझे नही पता कि तेरा लँड क्यों खडा है" राहुल ने इस बार कुछ जवाब नही दिया. "चल तुझे जल्दी ही पता चल जयेगा"
अमित वापस मुडा. और पास में पडे 3 सीट सोफे के बीच में बैठ गया. "इधर आ और मेरी टाँगों परपेट के ब्ल लेट " राहुल अमित के पास आकर खडा हो गया, उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करना है. अमित ने अपनी जाँघों कि और इशारा किया! राहुल अभी भी confuse था! अमित ने उसे हाथों से खींच कर अपनी जाँघों पर लेटा लिया.अमित ने राहुल का सिर थोड़ा और दायि ओर झुका दिया. और उसकी गांड पकड़ कर आगे कि ओर खींचा. राहुल को समझ नही आ रहा था कि अमित अब क्या करने वाला है. गांड के बीच से अमित ने राहुल को ओर आगे कि और खींचा. राहुल जो अब तक घुटने के सहारे से लेता था, उसे अब अपनी टाँगों के बाल लेटना पडा. उसका सिर लगभग जमीन से टच हो रहा था और उसकी चुतड हवा में उठी हुइ थी. उसको अपने शरीर को बैलेंस करने के लिए हाथों का सहारा लेना पद रहा था. तडक.................. अमित ने एक हाथ राहुल कि चुतड पर जोर से हथेली से मारा...... "अहं........." राहुल चीख पडा. "अब मैं जितनी बार भी मरुँगा, तुझे थैंक यु सर कहना है और साथ में गिनती करनी है. समझा." "जी सर" राहुल ने जवाब दिया.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर एक.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर दो.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर तीन .
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर चार.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर पाँच.
हर बार गांड पर थप्पड़ पड़ने के बाद, राहुल के लंड में और उत्तेजना बड गयी.... उसकी चुतड में आग सि लगने लगी. राहुल का लंड वैसे भी अमित कि टाँगों के बीच में फँस रहा था. हर बार चुतड परपड़ने के बाद उसका लंड टाँगों के बीच ने फँस रहा था. इससे लंड पर प्रेशर ब्ड रहा था. उसका लंड और हार्ड हो गाया और उसमें ओर उत्तेजना बढ़ गयी. इतने में अमित ने अपने हाथों कि उँगलियों को राहुल कि गांड और लंड केबीच कि खाल मैं फेरना शुरू दिया. राहुलको ऐसा लगा कि वो किसीदूसरी दुनिया में पहुँच गया है. वो excitement में आहेँ भरने लगा. ओह.. अहं.... ऊम्ह................ अहा............... इतने में अमित ने दुबारा मरना शुरू कर दिया.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर छा .
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर सात.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर आठ.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर नौ.
तडक............... आआआहां............ थैंक यु सर दस.
अब तक राहुल का लंड पूरी तरह से हार्ड हो गया था. वो उसको बुरीतरह से छुना चाहता था पर वो एक अजीब सी स्तिथि में था. उसनेअपना शरीर आपने हाथों के सहारे संभल रखा था. उसका लंड अमित कि दोनो टाँगों के बीच में था और वो हर बार उसकी टाँगों के बीच में फँस रहा था. इससे उसके लंड में और उत्तेजना पैदा हो रही थी.
राहुल कि चूतड अब लाल होनी शुरु हो गयी थी. उसकी लाल होती गांड पर अमित ने एक हल्के के हठ फेरना शुरू कार दिया. राहुल कि गांड में जैसे एक करंट सा लगा. "अहं..... उम्ह्ह.......आ........ओह.... आह......." राहुल आँहे जोर जोर से भरने लगा.... तभी अमित ने फिर से अपनी उँगलियों को राहुल के टट्टो के नीचे धीरे से सहलाना शुरू कर दिया. अब तो राहुल पागल सा ही हो गया. "सर प्लीज़..... अहं... अहा.........ओह................. हमाम...........आआ..............." राहुल आँहे भर्ता रहा. अमित नेफिर से उसकी चूतड पर हात से मरना शुरू कर दिया... तडक............... आआआहां........... अहा... इस बार राहुल उत्तेजना में भूल गाया के उसे गिनती भि करनी है... राहुल अपने ही खयालोन में खॊया था. "गिनती...." अमित चीख़ा. रहुल होश में आया. और बोला "ग्यह्रह सर." "हुम्म...................... दट्स बेट्टेर"

to be continued....

ek ajeeb sa sapana aaya mujhe

“ishaant idhar aao…..” maths teacher ke muh se apana naam sunakar mera dil dhaak se baith gaya. is baar phir main phel ho gaya kya. pichhale...